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राम मंदिर जमीन घोटाले पर सामना ने लिखा,‘PM मोदी करें हस्तक्षेप

राम मंदिर को लेकर मुखर रहने वाली शिवसेना ने इस मामले पर सवाल उठाए है.

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भारत
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राम मंदिर निर्माण के लिए जुटाए जाने वाले चंदे को लेकर राम जन्‍मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्‍ट पर करोड़ों के घोटाले (Ram Mandir Land) का आरोप लगा है. राम मंदिर को लेकर मुखर रहने वाली शिवसेना (Shivsena) ने भी इस मामले पर सवाल उठाए है.

राम मंदिर की जमीन खरीद में कथित 'घोटाले' को लेकर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है कि मंदिर निर्माण को लेकर सभी तरह की खरीद और लेन-देन पारदर्शी होना चाहिए.

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शिवसेना ने अयोध्या के जमीन घोटाले पर जांच की मांग की है.

सामना में लिखा है कि राम मंदिर देश की आस्था का विषय है जिसके लिए हिंदुओं का खून बहा है. साथ ही इस के लिए करोड़ों हिंदुओं से चंदा जमा किया जा रहा है. ऐसे में मंदिर निर्माण का कार्य और उससे संबंधित लेन-देन पारदर्शी और ईमानदारी पूर्वक होना चाहिए. सामना के संपादकीय के जरिए इस मामले में पीएम मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से हस्तक्षेप करने की मांग की है.

सामना में लिखा है,

अयोध्या नगरी में प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण के दौरान ही एक नया घोटाला सामने आया है. राम मंदिर का निर्माण हो, उसके लिए केंद्र सरकार ने एक ‘न्यास’ अर्थात ट्रस्ट की स्थापना की. राम मंदिर निर्माण के संदर्भ में सभी आर्थिक लेन-देन यही ‘न्यास’ करनेवाला था और संस्था के तमाम लोगों के प्रखर हिंदुत्ववादी, राष्ट्रवादी होने के कारण किसी शंका के लिए कोई जगह नहीं थी. परंतु ‘आप’ पार्टी के सांसद संजय सिंह ने एक झकझोर देनेवाली जानकारी का खुलासा किया है. सिर्फ 10 मिनट पहले 2 करोड़ में खरीदी गई जमीन, राम मंदिर निर्माण न्यास द्वारा 18.5 करोड़ में खरीदे जाने का धमाका संजय सिंह ने किया. इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई और ईडी के जरिए किए जाने की मांग की जा रही है. राम मंदिर के निर्माण की आड़ में गड़बड़ी चल रही है, ऐसा संदेह का धुआं उठने लगा है. 
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शिवसेना ने भी दिए एक करोड़ रुपए

सामना में आगे शिवसेना के चंदे की बात भी की गई है. सामने में लिखा है,

अयोध्या में राम मंदिर का भूमिपूजन प्रधानमंत्री मोदी, सर संघचालक मोहन भागवत, मुख्यमंत्री योगी महाराज के हाथों संपन्न होते ही विश्व हिंदू परिषद के 4 हजार से अधिक स्वयंसेवक देश भर में घर-घर घूमकर आम लोगों से राम मंदिर निधि के लिए चंदा ले रहे थे. उससे भी करोड़ों रुपए जमा हुए. शिवसेना ने भी एक करोड़ रुपए की निधि मंदिर कार्य के लिए दी ही है. जमीन घोटाला सही है या गलत, इसका तुरंत खुलासा हो तो अच्छा होगा.

चंपत राय को देना होगा जवाब

सामने में लिखा है कि अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय और ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा की उपस्थिति में यह लेन-देन हुआ. खास बात ये है कि 17 करोड़ रुपए संबंधितों के खाते में जमा किए गए. यह पूरा मामला क्या है? इस बारे में भ्रम की स्थिति है. इस भ्रम को दूर करने का प्रयास राम जन्मभूमि के मुख्य सचिव चंपत राय को ही करना होगा.

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