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राम मंदिर जमीन घोटाले के आरोप, नेता बोले- ‘राम को भी नहीं छोड़ा’

राम जन्‍मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्‍ट पर करोड़ों के जमीन घोटाले का आरोप

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राम मंदिर निर्माण के लिए जुटाए जाने वाले चंदे को लेकर राम जन्‍मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्‍ट पर करोड़ों के घोटाले (Ram Mandir Land) का आरोप लगाया गया है. आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह से लेकर समाजवादी पार्टी, टीएमसी, कांग्रेस और अन्य दल भी अब इस मामले को उठा रहे हैं. आरोप है कि ट्रस्ट ने करोड़ों रुपये का जमीन घोटाला किया है. इसे लेकर अब एक बार फिर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरा मामला बताया.

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2 करोड़ की जमीन 5 मिनट बाद 18.5 करोड़ की हुई- सिसोदिया

दिल्ली के डिप्टी सीएम सिसोदिया ने कहा कि देश की आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि, लोग भव्य मंदिर निर्माण का इंतजार कर रहे हैं. मंदिर बनाने की जिम्मेदारी श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट की है. लेकिन कुछ ही दिन पहले ट्रस्ट ने 12080 वर्गमीटर जमीन खरीदी. जिसे 18.5 करोड़ रुपये में खरीदा गया. जिसके सारे पेपर हमारे पास हैं. उन्होंने बताया,

“जमीन के दस्तावेज में राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा एक गवाह थे, वहीं दूसरे गवाह अयोध्या के मेयर और बीजेपी नेता ऋषिकेश उपाध्याय थे. रामभक्तों को जमीन खरीदने से खुशी ही होगी. क्योंकि इसके लिए सबने कुछ न कुछ पैसे दिए हैं. लेकिन असली दिक्कत तब होती है जब पता चलता है कि इस जीमीन को खरीदने में कितना बड़ा घोटाला हुआ है. जमीन रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी से ट्रस्ट ने खरीदी, लेकिन उसी दिन इससे ठीक 5 मिनट में पहले सुल्तान अंसारी और सुल्तान अंसारी ने यही जमीन हरीश पाठक और कुसुम पाठक से खरीदी. लेकिन ये जमीन सिर्फ 2 करोड़ में खरीदी गई थी. इसके 5 मिनट बाद रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी से यही जमीन श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट ने 18.5 करोड़ रुपये में खरीद ली.”

ट्रस्ट के सदस्य और बीजेपी मेयर पर आरोप

मनीष सिसोदिया ने बताया कि, जो जमीन हरीश पाठक और कुसुम पाठक से 2 करोड़ में खरीदी गई थी, उसमें भी अनिल मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ही गवाह थे, इसके बाद जब यही जमीन 18.5 करोड़ में श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट ने खरीदी तो भी यही दोनों गवाह के तौर पर मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि, हमें पहले ये कागजात झूठे लगे और इसमें किसी फर्जीवाड़े की आशंका जताई गई. लेकिन इसके ठीक बाद श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट ने खुद बताया कि उन्होंने ये जमीन खरीदी है. इससे बहुत दुख हो रहा है. लोग आस्था से चंदा दे रहे हैं, उनसे खिलवाड़ ठीक नहीं है.

आम आदमी पार्टी के अलावा अब इस मुद्दे को अन्य दल भी उठा रहे हैं. कांग्रेस नेता और प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने भी एक न्यूज आर्टिकल शेयर करते हुए लिखा कि, "देते हैं भगवान को धोखा इंसान को क्या छोड़ेंगे"

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टीएमसी सांसद बोले- उम्मीद है अयोध्या पहुंचेगी केंद्र की टीम

इस मामले में टीएमसी सांसद सांतनु सेन ने कहा कि, इस मामले की जांच होनी चाहिए. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि,

“उम्मीद है कि केंद्र की एक टीम अयोध्या में राम मंदिर घोटाले की जांच के लिए पहुंचेगी. सिर्फ 5 मिनट में जमीन की कीमत 2 करोड़ से 18.5 करोड़ हो गई. इस मामले में अंतरराष्ट्रीय नेता पीएम मोदी से सफाई चाहते हैं, जिन्होंने कोरोना वैक्सीन के तीन दाम तय कर दिए और जी-7 मीटिंग में वन वर्ल्ड वन हेल्थ पॉलिसी की बात कही.”

पूर्व केंद्रीय मंत्री और टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा ने पीएम मोदी और ट्रस्ट पर ट्विटर के जरिए हमला बोला. उन्होंने कहा कि, "राम का साथ मोदी का विश्वास और हमारा विकास, हद ही हो गई. राम को भी नहीं छोड़ा. अब क्या बचा? मोदी है तो मुमकिन है."

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संजय राउत बोले- ट्रस्ट को देनी चाहिए सफाई

इस पूरे मामले को लेकर शिवसेना की तरफ से भी रिएक्शन आया है. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि, ये आस्था का मामला है और इस पर सफाई देनी चाहिए कि जमीन घोटाले का ये मामला सच है या फिर झूठ... उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के लिए राम मंदिर एक राजनीतिक मुद्दा है.

मशहूर कार्टूनिस्ट मंजुल ने भी अपने ही अंदाज में इस कथित घोटाले को दिखाया. उन्होंने अपने बनाए एक कार्टून के जरिए इसकी आलोचना की. बता दें कि मंजुल वही कार्टूनिस्ट हैं, जिनके खिलाफ सरकार ने ट्विटर को शिकायत की थी, वहीं उन्हें इसके बाद चैनल ने भी सस्पेंड कर दिया था.

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मंदिर ट्रस्ट की तरफ से सफाई

बता दें कि इस मामले को लेकर राम जन्‍मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्‍ट की तरफ से सफाई भी सामने आई है. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इन तमाम आरोपों पर कहा कि, “भूमि को खरीदने के लिए वर्तमान विक्रेता गणों ने सालों पहले जिस मूल्य पर अनुबंध किया था, उस भूमि का 18 मार्च को बैनामा कराया और उसके बाद ट्रस्ट के साथ अनुबंध हुआ.”

वहीं रामजन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की बात कही है. उन्होंने कहा कि, 'मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट किसी तरीके का घोटाला कर सकता है, ये संभव नहीं.'

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