अयोध्या (Ayodhya) के राम मंदिर (Ram Mandir) में राम लला की नई मूर्ति स्थापित होने जा रही है, और इसके लिए मूर्तिकार अरुण योगीराज (Arun Yogiraj) की बनाई हुई मूर्ति को चुना गया है. मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मैसूर स्थित अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई राम लला की नई मूर्ति को राम मंदिर में स्थापना के लिए चुना गया है. आइए जानते हैं कौन हैं ये मूर्तिकार?
देश के बड़े और प्रसिद्ध मूर्तिकारों में शामिल अरुण योगीराज शिल्प की समृद्ध विरासत वाले परिवार से आते हैं. उनके पिता और दादा प्रसिद्ध मूर्तिकार थे.
एमबीए पूरा करने के बाद योगीराज ने कुछ समय के लिए एक निजी कंपनी के साथ काम कर चुके हैं लेकिन बाद में उन्होंने अपने दम पर काम करना शुरू किया.
योगीराज के काम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सराह चुके हैं. इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति के पीछे जो सुभाष चंद्र बोस की 30 फुट की प्रतिमा है वो भी योगीराज ने ही तैयार की है.
केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की 12 फुट ऊंची प्रतिमा और मैसूर जिले के चुंचनकट्टे में 21 फुट ऊंची हनुमान प्रतिमा भी अरुण योगीराज ने बनाई है. डॉ बीआर अंबेडकर की 15 फुट ऊंची प्रतिमा भी उन्होंने ही बनाई है. मैसूर के शाही परिवार ने भी उन्हें विशेष सम्मान दिया है.
प्रह्लाद जोशी ने पहले ही कर दी थी पुष्टी
1 जनवरी को मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक्स पर लिखा था कि अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति के चयन को अंतिम रूप दे दिया गया है. मंत्री ने कन्नड़ में पोस्ट में कहा था, "हमारे देश के प्रसिद्ध मूर्तिकार, हमारे गौरव अरुण योगीराज. उनके द्वारा बनाई गई भगवान राम की मूर्ति अयोध्या में स्थापित की जाएगी."
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