झारखंड के रामगढ़ जिले में बीफ ले जाने के आरोप में एक शख्स की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में कोर्ट ने बुधवार को सजा सुनी दी है. फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. अदालत ने बीते 16 मार्च को इन 11 आरोपियों को दोषी करार दिया था.
पुलिस ने 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. इनमें से एक आरोपी नाबालिग है. उसके खिलाफ जुवेनाइल कोर्ट में सुनवाई चल रही है.
रामगढ़ जिले में 29 जून, 2017 को भीड़ ने अलीमुद्दीन नाम के शख्स की हत्या कर दी थी. अलीमुद्दीन मारुति वैन से कहीं जा रहा थे. बाजरटांड गांव में लोगों के एक ग्रुप ने उसे रोका और बेरहमी से हमला कर दिया. उसके वैन को आग के हवाले कर दिया गया. पुलिसकर्मियों ने अलीमुद्दीन भीड़ से बचाया और अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी.
अलीमुद्दीन कौन थे?
अलीमुद्दीन का बचपन गरीबी में गुजरा था. उनके तीन बेटे और तीन बेटियां हैं. इनमें से दो बच्चे जुड़वां हैं. 56 साल के अलीमुद्दीन ने पूरी जिंदगी बच्चों का भविष्य संवारने में लगा दी. वह सिर्फ चौथी क्लास तक पढ़े थे. उनकी पत्नी मरियम खातून ने बताया कि घर चलाने के लिए उन्होंने वो सारे काम किए, जो उन्हें मिले.
आखिरी बार जब अलीमुद्दीन ने अपनी पत्नी को जब खुदा हाफिज कहा, तब वह ब्लू जींस, ब्लू शर्ट और ब्राउन जूते पहने हुए थे. अलीमुद्दीन की 23 साल की बेटी समा परवीन ने बताया, ‘अब्बा के पास तीन या चार शर्ट थीं और दो जोड़े पैंट थे. वह उसी से संतुष्ट रहते थे.’
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