दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में आरएसएस की स्टूडेंट विंग एबीवीपी और वामपंथी स्टूडेंट विंग आईसा के बीच हुई झड़प के बाद नेता से लेकर अभिनेता और खिलाड़ी, सब का बयान आ रहा है. अब इस फेहरिस्त में एक नाम बीजेपी के सांसद और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा का भी जुड़ गया है.
जहां एक तरफ बीजेपी के नेता एबीवीपी के समर्थन में नजर आ रहे हैं और आईसा को ही लड़ाई का जिम्मेदार मान रहे हैं तो वहीं बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा अपनी पार्टी से हट कर हिंसा करने वालों के खिलाफ बयान दिया है.
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा "डेमोक्रेसी है, जो हमारे खिलाफ हैं वह दुश्मन नहीं हैं. सबको अपनी बात रखने का अधिकार है. अगर आप किसी से सहमत नहीं है तो भी हिंसा सही नहीं है"
ऐसा माहौल युवा पीढ़ी के लिए ठीक नहीं है
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा
कुछ तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. ये लोकतंत्र और युवा पीढ़ी के लिए सही नहीं है. डीयू शिक्षा के लिए बहुत अच्छी जगह है. ये हमारा वर्तमान है, भविष्य हैं. ये ही हमसे अलग हो जाएंगे तो ठीक नहीं होगा.
क्या है पूरा मामला?
डीयू के रामजस कॉलेज के एक सेमिनार में जेएनयू के छात्र उमर खालिद को बुलाया गया था. लेकिन छात्र संगठन एबीवीपी ने इसका विरोध किया. विरोध के बाद सेमिनार तो रद्द कर दिया गया, लेकिन एबीवीपी और एआईएसए के बीच झड़प शुरू हो गई.
इसके बाद लेडी श्री राम कॉलेज की स्टूडेंट और कारगिल वॉर में शहीद हुए जवान की बेटी गुरमेहर कौर ने फेसबुक पर एबीवीपी की कड़ी आलोचना की थी.
गुरमेहर कौर ने सोशल मीडिया पर एबीवीपी के खिलाफ कैंपेन चलाया था. कौर ने लिखा था, ‘मैं एबीवीपी से नहीं डरती, मैं अकेली नहीं हूं, पूरा देश मेरे साथ है.’ इसके साथ ही लिखा था, ‘आपके पत्थर हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं, हमारे आदर्शों को चोट नहीं पहुंचा सकते.’ जिसके बाद से सोशल मीडिया से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर इस मुद्दे पर बहस छिड़ी हुई है.
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