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दुनिया के सबसे बड़े फिल्म स्टूडियो की स्थापना करनेवाले रामाजी राव कौन थे, यहां जानें

16 नवंबर, 1936 को आंध्र प्रदेश के पेडापरुपुडी में एक किसान परिवार में रामोजी राव का जन्म हुआ था.

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ईटीवी नेटवर्क के प्रमुख और हैदराबाद (Hyderabad) के रामोजी फिल्म सिटी के संस्थापक रामोजी राव (Ramoji Rao) का शनिवार सुबह 4:50 बजे निधन हो गया. रामोजी 5 जून से ही अस्पताल में भर्ती थे. हाई ब्लड प्रेशर और सांस लेने में तकलीफ लेने की समस्या सामने आने के बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था. हैदराबाद के स्टार हॉस्पिटल में रामोजी ने 87 साल की उम्र में अपनी आखिरी सांसें ली.

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रामोजी राव के देहांत की खबर ने देश में उनके चाहने वालों को शोक में डूबा दिया है. इस समय एक के बाद एक बड़े नेता, स्टार्स और उनके चाहने वाले सोशल मीडिया के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे है.

पीएम मोदी समेत इन नेताओं ने की श्रद्धांजलि अर्पित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा "श्री रामोजी राव जी का निधन अत्यंत दुःखद है. वह एक दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने भारतीय मीडिया में क्रांतिकारी बदलाव लाए और उनकी सेवाओं ने फिल्म और प्रेस पर एक अमिट छाप छोड़ी. अपने अथक प्रयासों के माध्यम से, उन्होंने मीडिया और मनोरंजन की दुनिया में उत्कृष्ट नवाचारों के लिए नए मानक स्थापित किए हैं.

रामोजी राव जी भारत के विकास को लेकर बहुत उत्साहित थे. मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे उनके साथ बातचीत करने और उनकी असीम बुद्धिमत्ता से लाभान्वित होने के कई अवसर मिले. दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, मित्रों और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं. ओम शांति."

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी रामोजी राव के निधन पर दुःख जताया है.

उन्होंने कहा - "श्री रामोजी राव के निधन से भारत ने मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र का एक दिग्गज खो दिया है. एक नवीन उद्यमी के तौर पर, उन्होंने ईनाडु अखबार, ईटीवी न्यूज नेटवर्क और रामोजी फिल्म सिटी सहित कई उपक्रमों का बीड़ा उठाया. पद्म विभूषण से सम्मानित रामोजी राव सफल हुए क्योंकि उनकी दृष्टि अनिवार्य रूप से समाज में निहित थी. मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में उनके योगदान को लंबे समय तक याद किया जाएगा. उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति मेरी संवेदनाएं."

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पद्म विभूषण रामोजी राव के निधन पर शोक जताते हुए कहा- "भारतीय मीडिया उद्योग के अग्रणी व्यक्तित्व, पद्म विभूषण, श्री रामोजी राव गारू के निधन पर मेरी हार्दिक संवेदना. पत्रकारिता, सिनेमा और मनोरंजन में उनके योगदान ने एक स्थायी प्रभाव छोड़ा है और मीडिया परिदृश्य को बदल दिया है. इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, दोस्तों और अनुयायियों के साथ हैं."

रामोजी राव के निधन पर तेलंगाना सरकार ने राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार करने का फैसला किया है.

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने राव के निधन को तेलुगु पत्रकारिता और मीडिया इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी क्षति बताया है. बता दें, रामोजी राव का पार्थिव शरीर रामोजी फिल्म सिटी के अंदर उनके आवास पर रखा गया है. यहां उनके परिवार, दोस्त और प्रशंसकों द्वारा श्रद्धांजलि देने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी .

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कौन थे रामोजी राव ?

16 नवंबर, 1936 को आंध्र प्रदेश के पेडापरुपुडी में एक किसान परिवार में रामोजी राव का जन्म हुआ. रामोजी का नाम 'रामोजी' कैसे पड़ा, इसकी दिलचस्प कहानी है, बचपन में रामोजी के माता-पिता, वेंकट सुब्बाराव और वेंकट सुब्बम्मा ने अपने बेटे का नाम उनके दादा की याद में 'रमैया' रखा था, जिसे बाद में रामोजी ने 'रमैया' से "रामोजी" में बदल लिया .

रामोजी ने अपनी हाई स्कूल की शिक्षा गुडीवाड़ा म्यूनिसिपल हाई स्कूल से पूरी की. इसके बाद उन्होंने गुडीवाड़ा कॉलेज से अपनी B.Sc की डिग्री प्राप्त की और फिर दिल्ली में एक विज्ञापन एजेंसी के लिए कलाकार के रूप में काम करने लगे.

उन्होंने 10 अगस्त, 1974 को राव ने तेलुगु दैनिक ईनाडु की स्थापना की. विशाखापत्तनम से शुरू हुआ ये अखबार लोकप्रियता के ऊंचे स्तर पर पहुंच गया, इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस साल अगस्त में ये अखबार अपनी 50वीं वर्षगांठ मानाने वाला है.

इसी के साथ रामोजी ने दुनिया के सबसे बड़े फिल्म स्टूडियो रामोजी फिल्म सिटी की स्थापना की. साथ ही टेलीविजन चैनलों के ईटीवी नेटवर्क का नेतृत्व भी किया.

वह राव मार्गदर्शी ग्रुप ऑफ कंपनीज के अध्यक्ष भी रहे, इसके साथ ही मार्गदर्शी चिट फंड, प्रिया फूड्स और कलांजलि सहित और भी व्यवसायों की देखरेख किया करते थे .

साल 2016 में राव को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया.

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रामोजी राव भारत ही नहीं बल्कि विश्व के उन चुनिंदा लोगों में से हैं, जिन्होंने अपनी कला और काबिलियत के दम पर विश्वभर में न सिर्फ अपना बल्कि अपने देश का नाम भी रोशन किया.

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