क्या आपने कभी सोचा है कि अगर आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गणतंत्र दिवस 2023 (Republic Day 2023) के मौके पर मिलते तो आपस में क्या बातचीत होती? हमने यही सवाल ChatGPT से पूछने का फैसला किया.
नवंबर 2022 में लॉन्च होने के बावजूद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित चैटबॉट ChatGPT अभी भी सुर्खियां बटोर रहा है.
ChatGPT का पूरा नाम है Generative Pre-trained Transformer है. इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में रिसर्च करने वाली एक कंपनी OpenAI ने बनाया है. OpenAI द्वारा विकसित लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) में कई अनूठी विशेषताएं हैं जैसे- मेमोरी से बातचीत को याद रखने की क्षमता, इसमें इन-बिल्ट फिल्टर जो ChatGPT को विवादास्पद और विभाजनकारी टॉपिक से बचने में मदद करते हैं, और फीडबैक लूप.
हालांकि, यह बॉत पूरी तरह से परफेक्ट भी नहीं है और यह कभी-कभी अबूझ बात कर सकता है. फिर भी, ChatGPT से कुछ सवाल करके तो देखते हैं कि वो क्या बताता है.
जवाहरलाल नेहरू और नरेंद्र मोदी की बातचीत- भारत के 74वें गणतंत्र दिवस की भावना में, यहां एक ऐसी काल्पनिक घटना है जिसे ChatGPT ने जीवंत किया है.
द क्विंट का सुझाव: जवाहर लाल नेहरू वापस जिंदा हो गए हैं और उन्होंने 26 जनवरी 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. वह बातचीत कैसी होगी?
यहां देखें चैटजीपीटी की पूरी प्रतिक्रिया:
1964 में जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद उनका वापस जिंदा हो जाना असंभव है, इसलिए उनके और प्रधानमंत्री के बीच बातचीत पूरी तरह से काल्पनिक/फिक्शनल है. हालांकि, नेहरू की राजनीतिक विचारों, उनके भाषणों और लेखों के आधार पर, यह अनुमान लगाना संभव है कि दोनों के बीच बातचीत कैसी होती.
जवाहर लाल नेहरू: "प्रधान मंत्री मोदी, आपसे मिलना एक सम्मान की बात है. पिछले कई दशकों में भारत ने जो प्रगति की है, उसे देखकर मुझे खुशी हुई है."
प्रधानमंत्री मोदी: "धन्यवाद, नेहरू जी. आपसे मिलना भी एक सम्मान की बात है. यह सच है कि भारत ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, और हम संवृद्धि और विकास के इस पथ को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं."
जवाहर लाल नेहरू: "मुझे यह सुनकर खुशी हुई. हालांकि, देश जिस दिशा में जा रहा है, मुझे उसके बारे में अपनी चिंताओं को जाहिर करना चाहिए. मैं धार्मिक तनावों में वृद्धि और धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों को कमजोर होता देख रहा हूं, जिसे स्थापित करने के लिए मैंने इतनी मेहनत की थी. मैं डर है कि ये मुद्दे केवल हमारे देश को और बांटते रहेंगे."
प्रधानमंत्री मोदी: "मैं आपकी चिंताओं को समझता हूं, नेहरू जी. हालांकि, मेरा मानना है कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष और सहिष्णु समाज बना रहे. हम एकता और विविधता के सिद्धांतों के लिए प्रतिबद्ध हैं."
जवाहर लाल नेहरू: "मुझे आशा है कि ऐसा ही है. मुझे यह भी उम्मीद है कि सरकार लोगों, विशेष रूप से गरीबों और हाशिए पर रहने वाले लोगों के कल्याण पर ध्यान देना जारी रखेगी. आर्थिक विकास महत्वपूर्ण है, लेकिन यह सबके लिए और न्यायसंगत होना चाहिए."
प्रधानमंत्री मोदी: "मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम समावेशी संवृद्धि और विकास की दिशा में काम कर रहे हैं. हम अलग-अलग योजनाओं और कार्यक्रमों के जरिए गरीबों और वंचितों के जीवन में सुधार के लिए कदम उठा रहे हैं."
जवाहर लाल नेहरू: "मुझे यह सुनकर खुशी हुई. मैं आपको और सरकार को सभी के लिए एक बेहतर भारत बनाने के आपके प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता हूं."
प्रधानमंत्री मोदी: "धन्यवाद, नेहरू जी. आपका मार्गदर्शन और ज्ञान हमेशा हमारे लिए प्रेरणा रहेगा."
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह एक काल्पनिक बातचीत है क्योंकि साल 1964 में ही जवाहरलाल नेहरू का निधन हो गया था और AI के लिए उनके विचार उनके समय के ऐतिहासिक संदर्भ पर आधारित होंगे.
हमने क्या पाया?
जहां एक तरफ नेहरू और मोदी के बीच AI द्वारा रचित यह बातचीत बहुत हद तक सौहार्दपूर्ण प्रतीत होती है, फिर भी यहां दोनों के बीच राजनीतिक असहमति के स्वर भी हैं. जैसे कि जब नेहरू "जिस दिशा में देश बढ़ रहा है" के विषय पर चर्चा करते हैं और "धार्मिक तनाव में वृद्धि" और "धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के कमजोर" होने पर चिंता जाहिर करते हैं.
इसके अलावा, ध्यान दें कि ChatGPT चैटबॉट डिस्क्लेमर के साथ अपनी प्रतिक्रिया शुरू और समाप्त करता है.
इसके साथ ही हमने Republic Day 2023 के मौके पर ChatGPT से यह भी पूछा कि आज अगर महात्मा गांधी, बी आर अंबेडकर और जवाहर लाल नेहरू देश को संबोधित करते तो कैसे करते. उसे पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें.
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