पंचकूला की स्पेशल NIA कोर्ट ने समझौता ब्लास्ट केस के चारों आरोपियों को रिहा कर दिया है. रिहा हुए आरोपियों में असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी शामिल हैं. 18 फरवरी 2007 को समझौता एक्सप्रेस के 2 कोच में ब्लास्ट हुए, जिसमें 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.
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- दिल्ली से अटारी (पंजाब) जा रही समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में हरियाणा के पानीपत जिले के दिवाना रेलवे स्टेशन के पास ब्लास्ट हुए
- इस घटना में 68 लोगों की मौत हुई थी. बताया जाता है कि इनमें से ज्यादातर लोग पाकिस्तान के नागरिक थे
- इस मामले की जांच करने के लिए हरियाणा पुलिस ने 20 फरवरी 2007 को एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया था
- 29 जुलाई 2010 को यह मामला NIA के हवाले कर दिया गया
- NIA ने 20 जून 2011 को इस मामले में चार्जशीट दाखिल की
- NIA की चार्जशीट में असीमानंद, लोकेश शर्मा, सुनील जोशी, संदीप दांगे और रामचंद्र कालसांगरा को आरोपी बनाया गया. इन इन लोगों पर हत्या और आपराधिक साजिश रचने के आरोप लगे
- NIA के मुताबिक, आरोपियों ने कुछ मंदिरों पर हुए हमलों का बदला लेने के मकसद से समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट को अंजाम दिया था. इस बात की जानकारी द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में सामने आई थी
- सुनील जोशी की साल 2007 में हत्या हो गई, जबकि संदीप दांगे और रामचंद्र कालसांगरा के बारे में कोई जानकारी नहीं है
- इस मामले की सुनवाई में 290 से ज्यादा लोगों को गवाह बनाया गया. इनमें से कुछ पाकिस्तानी नागरिक सामने नहीं आए, जबकि करीब 30 लोगों ने बयान बदल लिए.
- 20 मार्च को पंचकूला की NIA कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया.
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