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सम्मेद शिखर का ऐसा क्या महत्व है कि एक के बाद एक जैन मुनि शरीर त्याग रहे?

Sammed Shikhar:23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के नाम पर इस स्थान का नाम पारसनाथ पड़ा.

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झारखंड (Jharkhand) के सम्मेद शिखर (Sammed Shikhar) को बचाने के लिए अनशन पर बैठे मुनि समर्थ सागर ने गुरुवार, 5 जनवरी को अपना शरीर त्याग दिया. सम्मेद शिखर को लेकर केंद्र सरकार ने भले ही जैन समाज की मांग मान ली हो लेकिन अपने इस तीर्थ स्थल को बचाने के लिए ऋषि-मुनि अनशन पर बैठे हैं. पिछले दिनों अनशन पर बैठे उदयपुर जिले के दिगंबर जैन मुनि सुज्ञेय सागर ने अपना प्राण त्याग दिया था. आइए तस्वीरों के जरिए जानने की कोशिश करते हैं कि इस सम्मेद शिखर तीर्थ स्थल का जैन समाज के लिए इतना महत्व क्यों है, कि इसको बचाने लिए ऋषि मुनि शरीर त्याग रहे हैं.

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