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दिल्ली में फिर से बनेगा संत रविदास मंदिर, SC से हरी झंडी

मंदिर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर DDA ने तोड़ दिया था.

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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के तुगलकाबाद में गिराए गए संत रविदास मंदिर को फिर से बनाने की इजाजत दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिसमें मंदिर को पुरानी जगह पर दोबारा बनाने के लिए जमीन देने की बात कही गई थी.

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने जस्टिस अरुण मिश्रा और श्रीपति रवींद्र भट की पीठ को बताया कि केंद्र ने भक्तों की आस्था और भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मंदिर के लिए 200 वर्ग मीटर क्षेत्र के पुराने प्रस्ताव को संशोधित कर अब 400 वर्ग मीटर कर दिया है.

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बता दें कि इस मामले में अगस्त में जंगल की जमीन में बने मंदिर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर DDA ने तोड़ दिया था. इसके खिलाफ कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थीं.

क्या कहा कोर्ट ने?

सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ संत रविदास मंदिर की 400 वर्ग मीटर जमीन सरकार की ओर से बनाई जाने वाली समिति को सौंपने को मंजूरी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि मंदिर के मैनेजमेंट के लिए एक समिति का गठन करे.

समिति के सदस्य के तौर पर पूर्व सदस्य और अन्‍य लोग केंद्र सरकार को आवेदन दे सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 6 हफ्ते में समिति के गठन का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि मंदिर के लिए और उसके आसपास के क्षेत्र में कोई भी व्यावसायिक गतिविधि नहीं होगी.

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर तोड़े जाने के बाद विरोध और हंगामा करने के आरोप में गिरफ्तार लोगों को निजी मुचलके और बॉन्ड पर रिहा करने का भी आदेश दिया है.

क्या है पूरा मामला?

9 अगस्त 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने तुगलकाबाद इलाके के जंगल की जमीन में बने मंदिर को तोड़ने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर DDA ने इसे तोड़ दिया, जिसके बाद 21 अगस्त को दिल्ली में दलित समाज ने रविदास मंदिर तोड़े जाने के विरोध में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया. बाद में ये प्रदर्शन हिंसक हो गया था. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा था.

हिंसक प्रदर्शन के लिए दिल्ली पुलिस ने दलित युवाओं के संगठन भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर समेत 95 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था.

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