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निर्भया के दोषी पवन की क्यूरेटिव पिटिशन सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की

कोर्ट ने अपराध के वक्त पवन के नाबालिग होने की दलील ठुकराई.

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निर्भया के दोषी पवन की क्यूरेटिव पिटिशन सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने 2012 दिल्ली गैंगरेप मामले में दोषियों में से एक पवन गुप्ता की नाबालिग होने का दावा करने वाली समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया है. दोषी ने कल सुबह साढ़े पांच बजे होने जा रही फांसी से बचने के लिए ये पिटीशन लगाई थी. 20 मार्च को 7 साल पुराने निर्भया गैंगरेप मामले में चारों दोषियों को फांसी की सजा होनी है, जिसके लिए तिहाड़ जेल में पूरी तैयारियां हो चुकी हैं.

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याचिका खारिज होने के बाद निर्भया की मां ने कहा- सुप्रीम कोर्ट में आज पवन की दूसरी क्यूरेटिव पिटीशन खारिज हो गई है और मुझे पूरी उम्मीद है कि कल दोषियों को फांसी मिलेगी और निर्भया को इंसाफ मिलेगा.

निर्भया गैंगरेप के दोषियों को 20 मार्च की सुबह पांच बजकर 30 मिनट पर फांसी होनी है. ऐसे में फांसी से बचने के लिए दोषी नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं. फांसी से महज दो दिन पहले अब दोषियों ने कई कानूनी आवेदनों, अपीलों और दूसरी दया याचिका के लंबित होने के आधार पर दिल्ली कोर्ट का रुख किया है.

निर्भया के दोषी मुकेश, अक्षय, पवन गुप्ता और विनय लंबे समय से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. चारों मौत की सजा के खिलाफ नई-नई तरकीबें अपना रहे हैं. हाल ही में निर्भया के दोषी फांसी के फंदे से बचने के लिए अंतर्राष्ट्रीय अदालत भी जा पहुंचे हैं.

इन चारों दोषियों की पहली फांसी की तारीख 22 जनवरी तय की गई थी, जिसे दोषियों की याचिका के चलते टाल दिया गया. इसके बाद, कोर्ट फांसी की कई तारीखें जारी कर चुका है, लेकिन दोषियों की क्यूरेटिव और मर्सी पिटीशन के कारण इसे कई बार टाला गया.

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