जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम (Sharjeel Imam) ने तिहाड़ जेल के अंदर मारपीट और उत्पीड़न का आरोप लगाया है. शरजील इस मामले को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया है और अपने जीवन की सुरक्षा के लिए निर्देश देने की मांग की है.
शरजील इमाम को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिसंबर 2019 में हुई हिंसा और 2020 के उत्तरपूर्वी दिल्ली दंगों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था.
अदालत ने तिहाड़ जेल अधीक्षक से शरजील इमाम द्वारा दायर याचिका पर जवाब मांगा है. शरजील के वकील ने बताया कि सर्च के नाम पर जेल अधिकारी के साथ कुछ कैदियों द्वारा शरजील पर हमले किए गए. इस मामले पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने 14 जुलाई तक रिपोर्ट मांगी है.
शरजील के वकील ने अदालत को बताया,
30 जून को शाम लगभग 7.30 बजे, सहायक अधीक्षक, 8-9 दोषियों के साथ, तलाशी लेने के नाम पर आवेदक (शरजील) के कक्ष में आए. दोषियों द्वारा तलाशी अभियान की अनुमति नहीं है. उक्त तलाशी के दौरान, याचिकाकर्ता की किताबें और कपड़े फेंक दिए गए, उन्होंने हमला किया और आतंकवादी और राष्ट्र-विरोधी कहा.
शरजील की याचिका के जरिए अपील की गई है कि जेल के अंदर हुई इस घटना का सीसीटीवी फुटेज पूरी तरह सुरक्षित रखा जाए. उस फुटेज के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. इमाम के वकील इब्राहिम द्वारा दायर आवेदन पर जेल अधिकारियों को 'आवेदक पर किए गए हमले और तलाशी' के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और अधिकारियों को किसी भी 'आगे के हमले' से बचाने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया गया है.
बता दें कि इमाम पर नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप है. इमाम अपने कथित भड़काऊ भाषणों के लिए देशद्रोह के आरोपों का सामना कर कर रहे हैं. वह जनवरी 2020 से न्यायिक हिरासत में हैं.
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