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Nathdwara:दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा तैयार,20KM दूर से ही दर्शन-10 तस्वीरें

Shiva statue: शिव प्रतिमा "विश्वास स्वरूपम" का लोकार्पण महोत्सव 29 अक्टूबर से 6 नवम्बर तक आयोजित किया जा रहा है

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राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा (Shiva statue in Rajasthan's Nathdwara) में 369 फीट की विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा "विश्वास स्वरूपम" स्थापित की गई है. इसका लोकार्पण महोत्सव 29 अक्टूबर से 6 नवम्बर तक आयोजित किया जा रहा है.

विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा बनाने में लगे 10 साल,3000 टन स्टील और लोहा

विश्व की सबसे ऊंची शिव मूर्ति की अपनी एक अलग ही विशेषता है, 369 फीट ऊंची यह प्रतिमा विश्व की अकेली प्रतिमा होगी जिसमें लिफ्ट, सीढ़ियां होंगी और श्रद्धालुओं के लिए हॉल बनाया गया है. प्रतिमा के अंदर सबसे ऊपरी हिस्से में जाने के लिए 4 लिफ्ट और तीन सीढ़ियां बनी हैं. प्रतिमा के निर्माण में 10 वर्षों का समय और 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल हुआ है.

प्रतिमा का निर्माण 250 वर्षों की स्थिरता को ध्यान में रखते हुए किया गया है. 250 किमी रफ्तार से चलने वाली हवाएं भी मूर्ति को प्रभावित नहीं करेगी. इस प्रतिमा की डिजाइन का विंड टनल टेस्ट (ऊंचाई पर हवा) आस्ट्रेलिया में हुआ है. बरसात और धूप से बचाने के लिए इस पर जिंक की कोटिंग कर कॉपर कलर किया गया है.

इस प्रतिमा को  तत पदम् संस्थान ने बनवाया है.

लाइट एन्ड साउंड के साथ गोल्फ कार्ट की सुविधा भी

शिव प्रतिमा पर विशेष रूप से लाइट एन्ड साउंड के थ्री डी प्रयोग के द्वारा शिव स्तुति का प्रसारण होगा. पर्यटकों के लिए यह बहुत की आकर्षण का केंद्र होगा. इसमें बरकों कम्पनी के प्रोजेक्टर का प्रयोग किया गया है.

विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा के सुरक्षा मानकों का पूर्ण ध्यान रखा गया है. फायर सेफ्टी की पूर्ण व्यवस्था की गई है. प्रतिमा के अंदर पानी के टैंक बनाये गए है साथ ही अग्नि शमन के साधनों की भरपूर उपलब्धता सुनिश्चित की गई है. पर्यटकों के लिए गोल्फ कार्ट की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है. साथ ही पर्याप्त सुरक्षाकर्मियों से परिसर सुरक्षित रहेगा.

यहां कैसे पहुंचेंगे आप?

देश विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए उदयपुर से महाराणा प्रताप अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 40 किमी और उदयपुर शहर से 45 किमी दूर श्रीनाथ जी की नगरी नाथद्वारा में यह प्रतिमा स्थापित है. राजसमन्द जिला मुख्यालय से यह प्रतिमा 15 किमी दूर स्थित है.

संत कृपा सनातन संस्थान के ट्रस्टी मदन पालीवाल ने बताया कि श्रीजी की नगरी में भगवान शिव की अल्लड़ मुद्रा में विश्व की सबसे बड़ी शिव मूर्ति बनवाने का ड्रीम प्रोजेक्ट तैयार किया था. 51 बीघा की पहाडी पर बनी इस प्रतिमा में भगवान शिव ध्यान एवं अल्हड़ की मुद्रा में विराजित है जो 20 किलोमीटर दूर से ही नजर आने लग जाते है. रात्रि में भी यह प्रतिमा स्पष्ट रूप से दिखाई दे, इसके लिए विशेष लाइट्स से इसकी विधुत सज्जा की गई है. 29 अक्टूबर से 6 नवम्बर तक नाथद्वारा में आयोजित होने वाले इस महोत्सव में  मुरारी बापू के प्रवचनों के साथ ही आस्था, संस्कृति, संगीत और कला का महासंगम होगा.

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