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Shrikant Tyagi: जिसे ढूंढती फिर रही पुलिस, उसे 2 साल तक मिली थी सरकारी सुरक्षा

श्रीकांत त्यागी को 8 अक्टूबर 2018 को 1 सुरक्षाकर्मी दिया गया लेकिन उसी दिन सरकार के आदेश पर 2 गार्ड बढ़ा दिये गये.

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श्रीकांत त्यागी (Shrikant Tyagi) पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया से लेकर राजनीति तक में चर्चा का केंद्र बना हुआ है. पहले उसके बदतमीजी से भरे वीडियो की चर्चा थी, जिसमें वो एक महिला को गाली देता दिख रहा है और अपनी नेतागीरी का बखान कर रहा है. लेकिन उसके बाद चर्चा इस बात की शुरू हो गई कि वो बीजेपी नेता है या नहीं. दरअसल श्रीकांत त्यागी खुद को बीजेपी नेता बताता था लेकिन विवाद के बाद बीजेपी ने इससे इनकार कर दिया. हालांकि श्रीकांत त्यागी की सोशल मीडिया पर एक्टिविटी और कई बड़े बीजेपी नेताओं के साथ फोटो को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं.

बीजेपी के इनकार और विपक्ष के वार के बीच एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. जिससे आपको अंदाजा हो जाएगा कि आखिर श्रीकांत त्यागी के तेवर इतने तल्ख क्यों रहते थे और वो बदतमीजियां क्यों करता था. क्विंट को हासिल हुई जानकारी के मुताबिक श्रीकांत त्यागी और उसकी पत्नी को गाजियाबाद जनपदीय सुरक्षा समिति ने पहले सुरक्षा दी और फिर शासन के आदेश पर बढ़ाई गई.
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श्रीकांत त्यागी को कब-कब दी गई सुरक्षा ? 

जरा देखिए श्रीकांत त्यागी को 8 अक्टूबर 2018 को गाजियाबाद जनपदीय सुरक्षा समिति ने 1 सुरक्षाकर्मी मुहैया कराया, लेकिन उसी दिन शासन के आदेश पर 2 और सुरक्षाकर्मी बढ़ा दिए गए. इसके बाद 31 अगस्त 2019 को श्रीकांत त्यागी की सुरक्षा में एक और सुरक्षाकर्मी को बढ़ा दिया गया. ये भी शासन के आदेश पर ही किया गया. हालांकि 26 फरवरी 2020 को श्रीकांत त्यागी की सुरक्षा से चारों सुरक्षाकर्मियों को वापस ले लिया गया.

श्रीकांत त्यागी की पत्नी को भी दी गई थी सुरक्षा

इसके अलावा श्रीकांत त्यागी की पत्नी को भी 30 जनवरी 2019 को सुरक्षा दी गई. जिसमें पहले 2 सुरक्षाकर्मी दिये गये और बाद में 13 अप्रैल 2019 को सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाकर तीन कर दी गई. इसके बाद 26 फरवरी 2020 को ये सुरक्षा भी वापस ले ली गई.

सरकार के कहने पर बढ़ाई गई थी सुरक्षा?

श्रीकांत त्यागी और उसकी पत्नी को गाजियाबाद जनपदीय सुरक्षा समिति की तरफ से सुरक्षा प्रदान की गई थी. इस समिति के अध्यक्ष एसपी और डीएम होते हैं. लेकिन समिति ने दोनों को एक-एक सुरक्षाकर्मी दिया था. फिर शासन यानी सरकार के आदेश पर सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई.

श्रीकांत त्यागी क्यों चर्चा में है?

दरअसल श्रीकांत त्यागी का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वो एक महिला को गाली देता दिख रहा है. वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी ने उसे अपना नेता मानने से इनकार कर दिया. हालांकि उसकी सोशल मीडिया पर एक्टिविटी और बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं के साथ कुछ ऐसी फोटो हैं जो कुछ और इशारा कर रही हैं. बहरहाल इस वीडियो के वायरल होने के बाद श्रीकांत त्यागी के अवैध निर्माण पर नोएडा में बुलडोजर चला दिया गया. हालांकि श्रीकांत त्यागी के अवैध निर्माण पर भले ही बुलडोजर चल गया हो, लेकिन वह अभी भी फरार है. पुलिस ने शनिवार को फरार नेता की पत्नी और उनके ड्राइवर, मैनेजर को हिरासत में लेकर करीब 6 घंटे तक पूछताछ की, लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली है.

नोएडा पुलिस दिल्ली से लेकर लखनऊ तक आरोपी श्रीकांत त्यागी की तलाश कर रही है. पुलिस की 12 टीमें 15 ठिकानों पर दबिश दे रही है. रविवार को पुलिस ने नोएडा, दिल्ली, लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ से लेकर अन्य शहरों में संभावित ठिकानों और दोस्तों और रिश्तेदारों के घरों को खंगालना शुरू किया, लेकिन श्रीकांत का कोई भी सुराग नहीं मिला. श्रीकांत त्यागी पर यूपी पुलिस ने 25 हजार का इनाम भी घोषित किया है.

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लेटर का सच क्या?

श्रीकांत त्यागी को लेकर एक लेटर भी चर्चाओं में है. जिसे भारतीय जनता पार्टी का लेटर बताया जा रहा है. 27 अगस्त 2018 का ये लेटर है जिसके मुताबिक श्रीकांत त्यागी को बीजेपी किसान मोर्चा की युवा किसान समिति का सह संयोजक बनाया गया है. हालांकि क्विंट इस लेटर की पुष्टि नहीं करता है.

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