कालाधन खत्म करने का ऐलान पास हुआ या फेल, यह आप आंकड़ों पर नजर डालकर खुद ही तय कर लीजिए. सरकार का अनुमान था कि 8 नवंबर को अवैध किए गए करीब 15 लाख करोड़ रुपये में से 10 से 11 लाख करोड़ रुपये ही वापस आएंगे. माना गया था कि बाकी कालाधन है, वो बर्बाद हो जाएगा, क्योंकि 500 और 1000 के नोट के रूप में जमा कालाधन बैंकिंग सिस्टम में नहीं आएगा.
16 दिन बाकी
- 10 दिसंबर तक रिजर्व बैंक ने 4.61 लाख करोड़ के नए नोट लोगों तक पहुंचाए
- मतलब यह कि करीब 10.50 लाख करोड़ रुपये सिस्टम में आना अभी बाकी है
- चार सरकारी करेंसी प्रेस हर दिन 6,300 करोड़ रुपये छाप पा रही हैं
- दिक्कत है कि जितने नए नोट छप रहे हैं, उनमें वैल्यू के हिसाब से 2,000 रुपये के नोट काफी ज्यादा हैं
- 500 के नोट की सप्लाई अब भी काफी कम है
- मतलब यह कि 2000 रुपये के नोट डालने के बावजूद नकदी कारोबार की तकलीफें कम नहीं हो रही हैं
लेकिन क्या ऐसा होता दिख रहा है? 10 दिसंबर तक रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक 12.40 लाख करोड़ वापस आ चुके हैं.
चलन से बाहर की गई कुल राशि: करीब 15 लाख करोड़
यहां 15 दिसंबर तक मान्य है पुराने नोट...
- सरकारी अस्पताल
- सरकारी अस्पतालों से जुड़ी दवा दुकानें
- म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन, जो बिजली-पानी के मौजूदा व बकाया बिल पुराने नोट में ले रहे हैं
- घरेलू एलपीजी सिलेंडर
- रेलवे के टिकट काउंटर
- सरकारी बस के किराए
- केंद्र या राज्य सरकार के सहकारी स्टोर
- सरकारी बीज की दुकान
- सरकारी स्कूल
- सरकारी कॉलेज
- कोर्ट फीस
नीति (NITI) आयोग के वाइस चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया का कहना है कि आरबीआई ने जितनी राशि के नोट चलन से बाहर किए थे, वह बैंकों के जरिए वापस आ जाएंगे. वैसे सरकार ने लोगों को ब्लैकमनी जमा कराने का मौका दिया है. आयकर कानून के मुताबिक, करीब 80 फीसदी टैक्स और पेनाल्टी देकर ब्लैकमनी को व्हाइट किया जा सकता है. इससे करीब-करीब पूरी राशि फिर से सिस्टम में आना तय है.
कुल मिलाकर, नोटबंदी से कितना कालधन खत्म हुआ, इसके ठीक-ठीक आकलन के लिए लोगों को अभी लंबा इंतजार करना पड़ेगा.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)