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घोटालों ने हर भारतीय के छीने ₹8000,सिंगापुर वालों को मिले ₹14000

भारतीयों और सिंगापुर के बीच सबसे बड़ा फर्क

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भारत
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हिंदुस्तान में बैंक घोटाले और सरकार के घाटे की वजह से भारतीयों की जेब से करीब 8 हजार रुपए निकल रहे हैं. दूसरी तरफ सिंगापुर सरकार है जिसकी कमाई उम्मीद से इतनी ज्यादा हो गई है कि उसने अपने सभी नागरिकों के बैंक खातों में सीधे 300 डॉलर ट्रांसफर का ऐलान किया है.

सिंगापुर सरकार 21 साल से ऊपर के अपने सभी नागरिकों को 100 से 300 सिंगापुर डॉलर का बोनस देगी. अभी एक सिंगापुर डॉलर की कीमत 49 रुपए है यानी भारतीय रुपए में 14,000 रुपए.

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अब जरा भारत का हाल सुन लीजिए जहां इस साल सरकार का वित्तीय घाटा करीब 6 लाख करोड़ रुपए है. समझिए 130 करोड़ की आबादी के हिसाब से हर भारतीय पर 4615 रुपए का कर्ज चढ़ गया है.

रही सही कसर बैंक घोटालों और एनपीए ने पूरी कर दी है. बैंकों को खोखला होने से बचाने में सरकारी का पैसा जा रहा है, जाहिर है रकम भले सरकारी है पर जिस जेब से जा रही है वो तो हमारी है.

सभी सिंगापुर निवासियों को बोनस

सिंगापुर सरकार को इस साल बजट में करीब 10 अरब डॉलर का फायदा हुआ है. भारत में हम ये शब्द सुनने के आदी नहीं हैं. हमारे यहां बजट मतलब घाटा ही होता है. ज्यादातर राज्य और केंद्र दोनों के बजट भारी घाटे वाले होते हैं.

सिंगापुर सरकार की छप्पर फाड़ कमाई असरदार टैक्स सिस्टम की वजह से आई है. इसलिए वहां की सरकार ने देश के हर नागरिक में इस रकम का एक हिस्सा बांटने का फैसला किया है. पूरे देश के लोगों के बीच करीब 70 करोड़ डॉलर बंटेगे जो हर नागरिक के खाते में सीधे पहुंचाई जाएगी.

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बोनस का हिसाब-किताब

  • सालाना 28 हजार डॉलर से कम आय वालों को 300 डॉलर
  • 28000 डॉलर से एक लाख डॉलर सालाना आय वालों को 200 डॉलर
  • 1 लाख से ऊपर आय वालों के खाते में 100 डॉलर
यही नहीं इस रकम से 5 अरब डॉलर शहर में रेल इंफ्रा में बढ़ाने में खर्च किया जाएगा. जबकि 2 अरब डॉलर अलग अलग तरह की सब्सिडी में इस्तेमाल होगा.

अब जरा भारत का हाल देखिए

भारत में सरकारी खजाने पर इतना बोझ है कि बोनस की बात तो छोड़ दीजिए. इस साल के बजट के मुताबिक वित्तीय घाटे के अलावा बैंकों के एनपीए और घोटालों में बड़ी रकम खर्च हो रही है.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सितंबर 2017 तक सरकारी बैंकों का खराब लोन 7 लाख 34 हजार करोड़ रुपए था और ये लगातार बढ़ता ही जा रहा है. 130 करोड़ भारतीयों में इसे बांटे तो हर किसी के हिस्से में 5600 रुपया आएगा.

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भारतीय की जेब पर घाटे और घोटाले का बोझ

  • पीएनबी से जुड़ा ताजा घोटाला करीब 11,400 करोड़ रुपए.
  • सितंबर 2017 तक बैंकों का एनपीए 7.34 लाख करोड़ रुपए
  • 10 साल में सरकार ने बैंकों दी 2.60 लाख करोड़ रुपए की मदद
  • इसमें अभी दूसरे बड़े घोटाले शामिल नहीं
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सिंगापुर ने कड़ी निगरानी और बेहतर टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन की वजह से ये मुकाम हासिल किया है. लेकिन भारत अभी तो ऐसे हालातों की कल्पना ही की जा सकती है.

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