तीनों कृषि कानूनों (Farm Laws) की वापसी के बाद किसानों की पेंडिंग मांगो को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और केंद्र सरकार के बीच सहमति हो गई है. बुधवार को सरकार ने एक और प्रस्ताव भेजा जिसे संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक ने मंजूर किया है.
फिलहाल किसान संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की बैठक जारी है जिसमें तय किया जाना है कि एक साल से ज्यादा चले किसान आंदोलन को खत्म कर किसान वापस अपने घर रवाना होंगे या नहीं. सरकार का दोबारा भेजा गया लिखित प्रस्ताव भी संयुक्त किसान मोर्चा को मिल गया है.
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान कई राज्यों में किसानों पर एफआईआर कर दी थी और इन आपराधिक मामलों को रद्द करने के लिए किसान मांग कर रहे थे. अब सरकार ने ये मांग भी मान ली है.
वहीं सरकार ने एमएसपी पर बनने वाली कमेटी में संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिथियों के ही रहने की बात को भी स्वीकार कर लिया है. बिजली बिल पर भी संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों से बात के बाद ही सरकार आगे बढ़ेगी.
किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजा देने वाली मांग भी प्रमुख रही. अब इस पर हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकार तैयार हैं, लेकिन किसानों की मांग है कि पंजाब की तर्ज पर ही मुआवजा मिले.
किसान नेता और सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने एनडीटीवी से कहा कि सरकार मुआवजा देने को तैयार है. सरकार एमएसपी पर कमेटी बना रही है जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेता होंगे. सरकार देश में किसानों पर हुए सारे मुकदमे वापस लेने को तैयार है.
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