संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने मंगलवार को विशेष जांच टीम (SIT) द्वारा लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में हुई हिंसा को हत्या की सोची-समझी साजिश बताने के बाद केंद्र से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) को बर्खास्त करने और गिरफ्तार करने की मांग की है.
संयुक्ता किसान मोर्चा ने लखीमपुर खीरी हत्याकांड में एसआईटी की जांच का संज्ञान लिया है, जहां उसने मामले से जुड़े 13 आरोपियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा टेनी भी शामिल हैं. न्यायिक मजिस्ट्रेट को अपनी प्रस्तुति में विशेष जांच दल (SIT) ने पुष्टि की है कि 'अब तक विश्लेषण से यह साबित हुआ है और सबूत एकत्र किए गए हैं कि आरोपी ने लापरवाही से आपराधिक घटना को अंजाम नहीं दिया बल्कि जानबूझकर, मकसद से, पूर्व नियोजित रणनीति के तहत किसानों की हत्या कर दी गई, जिससे पांच लोगों की मौत हो गई थी.किसान यूनियन द्वारा जारी प्रेस रिलीज
इस तथ्य का हवाला देते हुए कि एसआईटी ने मौजूदा आईपीसी 279, 338, 304 ए को हटाने की सिफारिश की है और 13 आरोपियों पर धारा 307, 326, 34 और आर्म्स एक्ट की धारा 3, 25 और 30 लगाने की सिफारिश की है.
इस मामले में एसकेएम ने जोर देकर कहा कि, "एसआईटी की जांच संयुक्त किसान मोर्चा और विरोध कर रहे किसानों के रुख की पुष्टि करती है कि लखीमपुर खीरी की घटना एक पूर्व नियोजित नरसंहार था."
संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र से अज मिश्रा टेनी को कथित संरक्षण न देने का आग्रह करते हुए उनकी बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की अपनी मांग को दोहराया.
"एसकेएम इस मुद्दे पर अपना संघर्ष जारी रखेगा. भारतीय किसान इस नरसंहार को तब तक नहीं भूलेंगे, जब तक हम पीड़ितों को न्याय नहीं दिला देते."
इस मामले में मुख्य विवेचन विद्या राम दिवाकर ने सीजीएम कोर्ट में अर्जी लगाई है. मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा समेत 13 आरोपियों को 14 दिसंबर को कोर्ट में पेश किया गया.
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