ADVERTISEMENTREMOVE AD

Supertech Towers: झोपड़ियों में रहने वाले लोग बोले-हमें किसी ने जाने को नहीं कहा

Supertech Towers Demolition: डेमोलिशन के दौरान परिवार बैरिकेड्स के पास रहा और जल्द ही अपनी झोपड़ी में वापस आ गया

Updated
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

सुपरटेक ट्विन टावरों (Supertech Twin Towers) को रविवार, 28 अगस्त को ढहा दिया गया. इन टावरों से कुछ मीटर दूर जेपी फ्लाईओवर की तरफ तीन परिवार सुबह अपनी झोपड़ियों के बाहर तोड़फोड़ देखने के लिए बैठे थे, जबकि ऊंची इमारतों के निवासियों को अस्थायी आवास में स्थानांतरित किया जा रहा था. इन परिवारों ने दावा किया कि उन्हें किसी ने हटने के लिए नहीं कहा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

"हम 10-12 साल से फ्लाईओवर के किनारे रह रहे हैं"

पचास वर्षीय हंसराज, उनकी पत्नी और उनकी बेटियों ने दोपहर के आसपास अपना खाना और तौलिये पैक करना शुरू कर दिया. हंसराज ने कहा कि

“हम 10-12 साल से फ्लाईओवर के किनारे रह रहे हैं. मुझे याद है जब बिल्डरों ने सुपरटेक का निर्माण शुरू किया था. हमें कुछ दिन पहले ही इसे गिराए जाने के बारे में पता चला था. मुझे नहीं पता था कि ऐसा होगा. किसी ने हमसे संपर्क नहीं किया या हमें हटने के लिए नहीं कहा. सुबह कुछ पुलिसकर्मी आए और हमें सड़क पार जमीन पर रहने को कहा. हमें कोई आपत्ति नहीं है."

उनकी पत्नी लेखा ने कहा, “हम और कहां जाएंगे? हम जमीन पर ही बैठेंगे. मैंने परिवार के लिए सुबह जल्दी खाना तैयार किया."

0

"हमारे पास कोई नहीं आया, क्योंकि हम फ्लाईओवर के पास रहते हैं"

इस बीच, रेशमा और उसकी भाभी लेखा, जनरल स्टोर से अपने पति के वापस आने का इंतजार कर रही थीं. “मेरे पति ने मुझे बताया कि अलग-अलग सोसायटी के लोगों को क्लब हाउस में ले जाया गया. हमारे पास कोई नहीं आया, शायद इसलिए कि हम फ्लाईओवर के पास रहते हैं. मीडिया और पुलिस को देखकर मुझे लगा कि पुलिस हमें बाहर कर देगी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. उन्होंने हमसे कहा कि हम यहां रुक सकते हैं और दोपहर 2-2.30 बजे के आसपास मैदान में जा सकते हैं”

झोपड़ियों के निवासियों के बारे में पूछे जाने पर, नोएडा प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “फ्लाईओवर मीडिया के लिए डेमोलिशन देखने के लिए सुरक्षित स्थान था. हम किसी के बारे में नहीं भूले या उन्हें खतरे में नहीं डाला. साथ ही, परिवारों को डेमोलिशन और स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में कुछ दिन पहले सूचित किया गया था. बीती रात ज्यादातर परिवार अपनी झोपड़ियों से निकलकर किसी और जगह चले गए. यहां गिने-चुने ही बचे थे. हमने भी उन्हें नहीं हटाया क्योंकि स्थानीय लोग डेमोलिशन देखने के लिए मौके पर जमा हो गए थे."

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×