नोएडा(Noida) के सेक्टर 93 में स्थित सुपरटेक के ट्विन टावरों को 28 अगस्त को गिरा दिया गया. मात्र 9 सेकंड लगे. अब सबसे बड़ा सवाल कि उस 80 हजार टन मलबे का क्या होगा, जो वहां जमा है. मलबा इतना ज्यादा है कि ऊचाई 6 मंजिला इमारत के बराबर होगी. सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि इसे 3 महीने के अंदर हटाना होगा.
पिछले दो दिनों से करीब 400 से ज्यादा सफाईकर्मी, 100 वाटर स्प्रिंकल्स और टैंकर, 22 एंटी स्मोक गन, 6 रोड वाशिंग मशीन और 4 अर्थमूवर मलबे को हटाने की सफाई में जुटे हैं. चलिए जानते हैं कि इस पहाड़ जैसे खड़े मलबे को कैसे साफ किया जाएगा, कितना पैसा मिलेगा और मलबा साफ होने के बाद टावरों की जगह क्या बनेगा?
रामकी ग्रुप के पास मलबा हटाने की जिम्मेदारी
ट्विन टावर का मलबा 80 हजार टन है, जिसको हटाने की जिम्मेदारी नोएडा अथॉरिटी ने रामकी ग्रुप को सौंपी हैं. 80 हजार टन मलबे में 76 हजार टन कंक्रीट, 4 हजार टन लोहा, और 20 एक्सेलेरोमीटर और ब्लैक बॉक्स दबे हैं. कंपनी को यह काम 3 महीने के अंदर करना है. 4,500 करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनी रामकी ग्रुप सिविल, एनवायरमेंटल एंड वेस्ट मैनेजमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम करती है. भारत में 55 लोकेशन के साथ UAE और सिंगापुर में इसके ऑफिस हैं.
20 हजार डंपर-1200 फेरे हर दिन
रामकी ग्रुप से मिली जानकारी के अनुसार, 80 हजार टन मलबे में 50 हजार टन से दोनों टावरों के बेसमेंट और आसपास के एरिया को भरा जाएगा. वहीं, 30 हजार टन मलबे को रिसाईकिल किया जाएगा. इसे 20 हजार डंपर के जरिए नोएडा सेक्टर 80 के कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन प्रॉसेसिंग प्लांट ले जाया जाएगा, जहां इसे रिसाइकिल किया जाएगा. रिसाइकिल के बाद इससे गिट्टी, सीमेंट और टाइल्स बनाई जा सकेंगी. यहां हर दिन 300 टन मलबे को रिसाइकिल किया जाएगा.
कंक्रीट और लोहे की कीमत 15 करोड़
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मलबे में 4 हजार टन से अधिक लोहा और स्टील भी है. कंक्रीट और 4 हजार से ज्यादा लोहे और स्टील की अनुमानित कीमत करीब 15 करोड़ रुपए है. कंपनी एडिफाइस अपने खर्च का एक हिस्सा इस लोहे और स्टील को बेचकर निकालेगी.
ट्वीन टावर की जगह बनेगा पार्क
सुपरटेक के ट्विन टावर के ढहने के बाद अब खाली हुई जगह पर एक पार्क बनाया जाएगा. नोएडा ऑथरिटी की CEO रितु महेश्वरी ने बताया कि जमीन सुपरटेक की है. हालांकि, इसे एमराल्ड कोर्ट के निवासियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले गार्डन में बदला जाएगा. इसके अलावा कोई और योजना नहीं है.
ऐसे हैं 20 हजार हाथियों के वजन के बराबर मलबा
एक एशियाई हाथी का औसत वजह करीब 4000 Kg होता है. 1 टन में 1000 Kg. यानी एक हाथी 4 टन का. ट्विन टावर को गिराने के बाद 80,000 टन मलबा इकट्ठा हुआ है. यानी 20,000 हाथियों के वजन के बराबर.
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