हमसे जुड़ें
ADVERTISEMENTREMOVE AD

समलैंगिक अधिकार, पारदर्शिता की जीत: कोलेजियम के 'खुलासे' पर वकीलों ने क्या लिखा?

Supreme Court के collegium ने लेटर जारी कर बताया जजों पर केंद्र सरकार ने क्यों लौटाई सिफारिश

Published
भारत
2 min read
समलैंगिक अधिकार, पारदर्शिता की जीत: कोलेजियम के 'खुलासे' पर वकीलों ने क्या लिखा?
i
Hindi Female
listen

रोज का डोज

निडर, सच्ची, और असरदार खबरों के लिए

By subscribing you agree to our Privacy Policy

सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम (Supreme Court collegium) ने केंद्र की ना मंजूरी के बावजूद पांच वकीलों को हाई कोर्ट जज के रूप में नियुक्त करने के अपने प्रस्ताव को दोहराया है और उससे भी एक कदम आगे जाते हुए इनके नामों पर केंद्र सरकार की आपत्तियों को सबके सामने ला दिया. अब सुप्रीम कोर्ट के इस स्टैंड को समलैंगिक अधिकारों और पारदर्शिता की जीत के रूप में सराहा जा रहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने जिन पांच नामों की फिर से सिफारिश की है उसमें सौरभ कृपाल भी हैं जो खुद तो खुले तौर पर समलैंगिक वकील आइडेंटिफाई करते हैं. कॉलेजियम की सिफारिश के बावजूद सौरभ कृपाल के प्रमोशन पर भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी- रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) ने आपत्ति जताई थी.

और इस आपत्ति की वजह क्या है? सौरभ कृपाल का खुले तौर पर अपनी समलैंगिक पहचान को स्वीकार करना और उनके पार्टनर का स्विट्जरलैंड का नागरिक होना.

कोलेजियम के इस एक्शन की सराहना करते हुए वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा है कि "क्विअर कम्युनिटी को जज बनने का अधिकार है, एक ऐसे पार्टनर के साथ होना जो भारत का नागरिक नहीं है, जज होने के लिए कोई अयोग्यता नहीं है. कोलेजियम ने जो कहा वो किया."

लेकिन CJI चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाले कोलेजियम की प्रशंसा करने के लिए ट्वीट करने वालीं इंदिरा जयसिंह अकेली वकील नहीं थीं. प्रशांत भूषण ने लिखा कि "वाह! सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम सीना ताने डटा हुआ है."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

संजोय घोष ने लिखा है कि "युवा वकील यदि आप जज बनना चाहते हैं तो कृपया सर की आलोचना करने वाली कोई पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर न करें! इस बयान को जारी करने और इसे सार्वजनिक डोमेन में लाने के लिए CJI चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाले कोलेजियम को सलाम. ऐसे समय में यह भी बहुत साहस का कार्य है!"

कानूनी पत्रकारों ने भी, जजों की नियुक्ति में देरी के लिए केंद्र सरकार की ओर से अजीबो-गरीब आधारों को सामने लाने के कोलेजियम के फैसले की सराहना की है.

बता दें कि कोलेजियम ने जिन पांच नामों की सिफारिश की है उसमें- दिल्ली हाई कोर्ट के जज के रूप में नियुक्ति के लिए सीनियर एडवोकेट सौरभ कृपाल, बंबई हाई कोर्ट के जज के रूप में एडवोकेट सोमशेखर सुंदरेसन, मद्रास हाई कोर्ट में जज के लिए एडवोकेट आर जॉन सत्यन, कलकत्ता हाई कोर्ट के जज के रूप में शाक्य सेन और कलकत्ता हाई कोर्ट के लिए अमितेश बनर्जी का नाम शामिल है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
और खबरें
×
×