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SC के 5 जजों के नियुक्ति पर केंद्र की मंजूरी, एक दिन पहले SC ने सख्ती दिखाई थी

Supreme Court ने एक दिन पहले ही सिफारिश लटकाने पर जताई थी नाराजगी, "बहुत असहज" कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी

Published
भारत
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जजों की नियुक्ति को लेकर केंद्र और न्यायपालिका (Government vs Judiciary) के बीच लंबे समय से चली आ रही खींचतान के बीच केंद्र ने शनिवार, 4 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए पांच जजों के नामों को मंजूरी (Centre Clears 5 New Supreme Court Judges) दे दी. कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है कि भारत की राष्ट्रपति मुर्मू ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस समेत 5 जजों को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने पर अपनी मुहर लगा दी है.

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सुप्रीम कोर्ट के जज बनने वाले नाम हैं:

  • राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पंकज मिथल

  • पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल

  • मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीवी संजय कुमार

  • पटना हाईकोर्ट के जज अहसानुद्दीन अमानुल्लाह

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज मनोज मिश्रा

सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी नाराजगी 

जजों की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट के कठिन सवालों का सामना करते हुए, केंद्र ने एक दिन पहले ही वादा किया था कि हाईकोर्ट के पांच जजों को प्रमोट करके सुप्रीम कोर्ट जज बनाए जाने के कॉलेजियम की लंबित सिफारिशों को रविवार तक मंजूरी दे दी जाएगी.

जस्टिस एसके कौल और एएस ओका ने हाईकोर्ट के जजों के प्रमोशन की सिफारिशों को मंजूरी देने में देरी पर नाराजगी जताते हुए इसे "बहुत गंभीर मुद्दा" बताया था और चेतावनी दी थी कि इस मामले में किसी भी तरह की देरी पर प्रशासनिक और न्यायिक दोनों तरह की "बहुत असहज" कार्रवाई हो सकती है.

दो याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि पांच जजों की नियुक्ति के लिए वारंट दो दिनों में जारी होने की उम्मीद है.

सिफारिशों को मंजूरी देने में देरी का जिक्र करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, "हमें ऐसा कोई स्टैंड न लेने दें जो बहुत असुविधाजनक होगा". सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि जजों के स्थानांतरण को लंबित रखा जाता है, तो यह गंभीर मुद्दा बन जाता है.

कानून मंत्री ने आज ही कहा था- कोई किसी को चेतावनी नहीं दे सकता है

इससे पहले आज कानून मंत्री किरण रिजिजू ने प्रयागराज में कहा कि "सुप्रीम कोर्ट ने (कॉलेजियम पर) चेतावनी दी है. इस देश का मालिक इस देश के लोग हैं, हम सेवक हैं. हमारी गाइड संविधान है. संविधान के अनुसार देश चलेगा. कोई किसी को चेतावनी नहीं दे सकता है. हम अपने आप को सेवक के रूप में देखते हैं."

कॉलेजियम के मुद्दे पर आमने-सामने है सरकार और सुप्रीम कोर्ट 

कॉलेजियम सिस्टम सुप्रीम कोर्ट और केंद्र के बीच विवाद का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है. केंद्रीय कानून मंत्री रिजिजू मुखर रूप से इसका विरोध कर रहे हैं. CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने पिछले साल 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में प्रमोशन के लिए पांच जजों की सिफारिश की थी.

बाद में, 31 जनवरी को, कॉलेजियम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अरविंद कुमार के नामों की सिफारिश भी सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में की थी.

कॉलेजियम के अध्यक्ष CJI डी वाई चंद्रचूड़ हैं. सुप्रीम कोर्ट में 34 जजों के स्वीकृत पद हैं और वर्तमान में यह 27 जज के साथ काम कर रहा है. इस प्रकार, सात रिक्तियां हैं.

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