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त्रिपुरा हिंसा की कवरेज करने वाले 2 पत्रकारों पर आपराधिक कार्रवाई पर SC की रोक

कोर्ट ने दोनों पत्रकारों द्वारा उनके खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर राज्य से जवाब मांगा है.

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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को एचडब्ल्यू न्यूज नेटवर्क (HW News Network) और उसके पत्रकार- समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा के खिलाफ सभी आपराधिक कार्रवाई पर रोक लगा दी है जिन्हें त्रिपुरा (Tripura) पुलिस ने हिरासत में लिया था जब राज्य में जारी सांप्रदायिक हिंसा पर वो रिपोर्टिंग कर रही थीं.

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जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने दो पत्रकारों और मीडिया कंपनी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका पर त्रिपुरा राज्य से भी जवाब मांगा है.

दोनों पत्रकारों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 153 ए (धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 504 (जानबूझकर अपमान करने के इरादे से शांति भंग करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था.

ट्रांजिट रिमांड पर उन्हें त्रिपुरा से उदयपुर ले जाया गया था उससे पहले उन्हें असम के करीमगंज से हिरासत में लिया गया था. गोमती जिले की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने उन्हें 15 नवंबर को जमानत दे दी थी. इसके बाद उन्होंने मामले को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

रिपोर्टिंग करने के लिए उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ा है. फिर एक एफआईआर दर्ज की जाती है और फिर दूसरी (एफआईआर) में आप कहते हैं कि रिपोर्ट गलत है.
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा

आखिरकार कोर्ट ने राज्य को नोटिस जारी करते हुए सभी कार्रवाई पर रोक लगा दी है.

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