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कांग्रेस बोली-जज विवाद देश के लिए घातक,BJP बोली-SC का आंतरिक मामला

जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस का देश के लोकतंत्र पर दूरगामी प्रभाव होगा: कांग्रेस

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सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार 4 जजों ने एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसके बाद से ही लगातार राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 4 जजों ने जो मुद्दे उठाए हैं वो बेहद अहम हैं. जजों ने जस्टिस लोया की मौत के बारे में भी मुद्दा उठाया है. जस्टिस लोया की मौत के मामले की उच्चस्तरीय जांच होना चाहिए.

इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस ऐतिहासिक है. इसका देश के लोकतंत्र पर दूरगामी प्रभाव होगा. वहीं बीजेपी का कहना है, ये सुप्रीम कोर्ट का आंतरिक मामला है, कांग्रेस राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश में जुटी है

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राहुल गांधी ने कही ये बातें:

  • 4 जजों ने जो मुद्दे उठाए हैं वो बेहद अहम हैं
  • उन्होंने लोकतंत्र के खतरे पर जो सवाल उठाए हैं वो भी बहुत महत्वपूर्ण हैं
  • इसके पहले ऐसा कभी नहीं हुआ
  • जजों ने जस्टिस लोया की मौत का मुद्दा उठाया है
  • जस्टिस लोया की मौत के मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए
  • कानूनी सिस्टम पर पूरा हिंदुस्तान भरोसा करता है
  • मामला गंभीर है इसलिए मैं ये बयान दे रहा हूं

बीजेपी ने क्या कहा?

बीजेपी की तरफ से संबित पात्रा ने कहा कि ये सुप्रीम कोर्ट का आंतरिक मामला हैं. इसमें कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. आश्चर्यचकित हूं कि जनता से कई बार रिजेक्ट हो चुकी कांग्रेस ने इस मुद्दे को राजनीतिक लाभ के लिए भुना रही है.

कल तक सुलझ जाएंगे सारे मतभेद- अटॉर्नी जनरल

इससे पहले अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जजों के बीच सारे मतभेद कल तक सुलझ जाएंगे.

चार जजों ने जिस तरह सुप्रीम कोर्ट के सिस्‍टम की गड़बड़ियों का खुलासा किया, उसे लेकर टीका-टिप्‍पणी का दौर जारी है. इस अभूतपूर्व घटनाक्रम पर अटॉर्नी जनरल ने अपनी बात रखकर मामले को थोड़ा ठंडा करने की कोशिश की. उन्‍होंने उम्‍मीद जताई‍ कि ये मामला कल तक सुलझ जाएगा.

प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में जजों ने क्‍या कहा?

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों ने एकसाथ प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर देश की न्‍यायपालिका में गंभीर बीमारी की ओर ध्‍यान दिलाया है. एक अभूतपूर्व घटनाक्रम में चारों जजों ने आरोप लगाया कि शीर्ष अदालत की प्रशासनिक व्यवस्था ठीक नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट में सीनियरिटी के आधार पर दूसरे नंबर के जस्‍टिस जे. चेलमेश्वर के आवास पर जल्दबाजी में बुलाए गई प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में न्यायाधीशों ने कहा, "यह भारतीय न्याय व्यवस्था, खासकर देश के इतिहास और सुप्रीम कोर्ट के लिए एक असाधारण घटना है. हमें मजबूरी में यह कदम उठाना पड़ा है."

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