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रोड रेज केस: सिद्धू को सजा या राहत, SC मंगलवार को सुनाएगा फैसला

रोडरेज मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सिद्धू को दोषी ठहराया था

Published
भारत
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तीस साल पुराने रोड रेज के मामले में पूर्व क्रिकेटर और अब मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की अपील पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को फैसला सुनाएगा. सिद्धू ने इस घटना में उन्हें दोषी ठहराने और तीन साल की सजा सुनाने के पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी.

पिछले महीने जस्टिस जे चेलमेश्वर और जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इस मामले में फैसला सुरक्ष‍ित रखा था.

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क्या है मामला?

यह घटना 27 दिसंबर, 1988 की है, जब गुरनाम सिंह, जसविन्दर सिंह और एक दूसरा व्यक्ति किसी शादी समारोह के लिए बैंक से पैसा निकालने जा रहे थे. पटियाला में शेरनवाला गेट क्रॉसिंग के पास एक जिप्सी में सिद्धू और संधू कथित रूप से मौजूद थे. आरोप है कि जब वो क्रॉसिंग पर पहुंचे, तो मारुति कार चला रहे गुरनाम सिंह ने देखा कि जिप्सी बीच सड़क पर खड़ी है. उन्होंने जिप्सी में सवार सिद्धू और संधू से गाड़ी हटाने के लिए कहा, जिसे लेकर दोनों में तीखी तकरार हो गई.

पुलिस का दावा है कि सिद्धू ने गुरनाम सिंह की पिटाई की और घटनास्थल से भाग गए. घायल गुरनाम को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था.

कोर्ट में लटका रहा मामला

इस मामले में निचली अदालत ने सितंबर 1999 में सिद्धू को हत्या के आरोप से बरी कर दिया. लेकिन हाईकोर्ट ने दिसंबर, 2006 में इस फैसले को उलटते हुए सिद्धू और सह आरोपी संधू को गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया और उन्हें तीन तीन साल की कैद और एक-एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 2007 में सिद्धू और संधू को दोषी ठहराने के फैसले पर रोक लगाते हुए उनके अमृतसर लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव लड़ने का रास्ता साफ कर दिया था.

(इनपुट भाषा से)

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