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इराक में 39 भारतीयों की मौत पर PM मोदी ने जताया दुख

ईराक में मारे गए सभी लापता भारतीय

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सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में कहाः

  • मोसुल से लापता 39 भारतीय मारे गए
  • ISIS ने की सभी 39 भारतीयों की हत्या
  • पहाड़ खोदकर निकाले गए गए सभी 39 शव
  • जनरल वीके सिंह ईराक से लाएंगे सभी शव, पहले अमृतसर जाएगा जहाज
  • मारे गए लोगों में 31 पंजाब और चार हिमाचल के
  • मारे गए लोगों में बिहार और पश्चिम बंगाल के लोग भी

इराक के मोसुल से अगवा किए गए सभी 39 भारतीय मारे गए हैं. इन भारतीयों की हत्या कुख्यात आतंकी संगठन आईएसआईएस ने की है. यह जानकारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में दी. सुषमा स्वराज ने बताया कि आईएसआईएस द्वारा अगवा किए गए सभी 39 भारतीयों के शव बदोस में एक साथ एक पहाड़ में दफनाए गए थे.

बता दें कि जून 2014 में ईराक में आतंकी संगठन आईएसआईएस ने 40 भारतीयों को अगवा कर लिया था. इनमें से एक वहां से भाग निकला था. सुषमा स्वराज ने बताया 39 में से 31 लोग अकेले पंजाब से हैं. इन सभी शवों को ईराक से भारत लाया जाएगा.

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प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोसुल में मारे गए लोगों पर शोक जताया और देश के बाहर रह रहे भारतीयों की सुरक्षा की बात कही है. पीएम ने ट्वीट कर कहा, “पूरा देश मोसुल में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार वालों के साथ है. इस दुख की घड़ी में हम उन परिवारों के साथ खड़े हैं और मोसुल में मारे गए भारतीयों के प्रति सम्मान जताते हैं.”

पीएम मोदी ने कहा, “विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश राज्यमंत्री जनरल वी के सिंह ने मोसुल में लापता भारतीय लोगों को वापस लाने की कोशिश में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. देश के बाहर रह रहे अपने भाइयों और बहनों की सुरक्षा के लिए हमारी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है.”

पहाड़ खोदकर निकाले गए 39 भारतीयों के शव

सुषमा स्वराज ने कहा कि आईएसआईएस के चुंगल में 39 भारतीय थे. जिन्हें मोसुल से बदोस ले जाया गया. स्वराज के मुताबिक, जनरल वीके सिंह, भारतीय राजदूत और इराक के एक अफसर ने बलूच में जाकर लापता भारतीयों की खोज की. जहां, जानकारी मिली कि एक पहाड़ के नीचे कई शवों को एक साथ दफनाया गया है.

स्वराज ने बताया कि मिली जानकारी के आधार पर डीप पेनिट्रेशन रडार के जरिए पहाड़ में दफनाए गए लोगों का पता लगाया गया. इसके बाद पहाड़ खोदकर सभी शव निकाले गए. शवों के साथ कुछ आईकार्ड और कुछ जूते मिले.

DNA से हुई शवों की पहचान

विदेश मंत्री ने बताया कि सभी शवों को निकलवाकर बगदाद भेजा गया. उन्होंने कहा कि मोसुल के कब्जा मुक्त होने के बाद से अगवा किए हुए लोगों का कोई फोन नहीं आया था, ऐसे में उनके जिंदा होने की उम्मीद कम होती जा रही थी. लिहाजा, लापता लोगों को मृतकों में ढूंढा जा रहा था.

सुषमा ने बताया कि ईराक के मार्टिअस फांउडेशन से हमने गुजारिश की, कि वह हमारे लोगों को ढूंढ दे. उन्होंने हमसे लापता लोगों का डीएनए सैंपल मांगा. हमने चार राज्यों पंजाब, हिमाचल, पश्चिम बंगाल और बिहार से संपर्क किया और लापता लोगों का डीएनए जमा करके भेज दिए.

विदेश मंत्री ने कहा कि पहाड़ से जो शव मिले थे. उन पर विशेष ध्यान इसलिए भी था क्योंकि हमारे 39 लोग लापता थे और पहाड़ से जो शव बरामद हुए वो भी 39 ही थे. सुषमा ने बताया कि मार्टिअस फाउंडेशन ने शवों के साथ भेजे गए डीएनए का मिलान किया. इसमें सबसे पहला डीएनए संदीप नाम के लड़के का मिला. इसके बाद बाकी लोगों के भी डीएनए मिले.

ईराक में भारतीय राजदूत के हवाले से विदेश मंत्री ने कहा कि सोमवार तक 38 शवों से डीएनए मिलान कर चुका है. 39वें शव का भी 70 फीसदी डीएनए मिलान कर चुका है.

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क्या थी हरजीत मसीह की थ्योरी?

ISIS द्वारा 40 भारतीय मजदूरों को बंधक बनाने की खबर आई थी. इन 40 भारतीयों में शामिल पंजाब का रहने वाला हरजीत सिंह ISIS के चंगुल से निकलने में सफल रहा था. भारत आकर हरजीत मसीह ने दावा किया था कि सभी 39 भारतीय मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है.

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