दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की प्रमुख स्वाति मालीवाल देश के कुछ हिस्सों में पिछले कुछ दिनों में सामने आई रेप की वारदात के खिलाफ मंगलवार से जंतर-मंतर पर आमरण अनशन पर बैठ गई हैं.
नाबालिगों से रेप के गुनाहगारों को मृत्युदंड, दुष्कर्म के मामलों की सुनवाई के लिए देशभर में फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन के अलावा दूसरी मांगों को लेकर स्वाति मालीवाल पिछले साल भी भूख हड़ताल पर बैठी थीं.
बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 12 साल से कम उम्र की लड़कियों से रेप के दोषियों के लिए मृत्युदंड सहित कठोर सजा के प्रावधान वाला एक अध्यादेश जारी किया था.
मालीवाल ने मीडिया से कहा:
पिछले साल मैंने भूख हड़ताल करते हुए मांग की थी कि बच्चों के दुष्कर्म करने वालों को 6 महीने के भीतर मृत्युदंड मिलना चाहिए. मेरे अनशन के 10वें दिन यह जारी हुआ था. मुझे भरोसा था कि पुलिस की जवाबदेही तय होगी, संसाधन बढ़ाए जाएंगे और फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन होगा. ’’
उन्होंने कहा कि डेढ़ साल बीत गया, लेकिन चीजें नहीं बदलीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी नहीं. स्वाति ने कहा कि दुष्कर्म के दोषियों को छह महीने के भीतर मृत्युदंड के प्रावधान जब तक नहीं किए जाएंगे, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगी.
उन्होंने कहा:
जवाबदेही तय करने, फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन और पुलिस संसाधनों में इजाफा करने के लिए देशभर में एक सिस्टम बनाने की जरूरत है. जब तक यह नहीं होगा, मैं भूख हड़ताल करूंगी, भले ही मुझे वहां अकेले बैठना पड़े. मैं इस देश के लोगों से कल मेरे साथ आने की अपील करती हूं.
मालीवाल ने एक ट्वीट में कहा, ''बस! बहुत हो गया. छह साल की नन्ही बेटी और तेलंगाना की रेप पीड़िता की चीखें मुझे दो मिनट नहीं बैठने दे रही हैं.''
यह भी पढ़ें: BJP सांसदों से बोले राजनाथ- एग्रेसिव हों, पर कांग्रेस की तरह नहीं
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)