स्वीडन की टेलीकॉम इक्विपमेंट कंपनी एरिक्सन ने रिलायंस कम्यूनिकेशन से बकाया रकम न मिलने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. एरिक्सन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसमें बकाया न चुकाने तक रिलायंस के चेयरमैन अनिल अंबानी और कंपनी के दो बड़े अधिकारियों के देश से बाहर जाने पर रोक लगाने की मांग की गई है. एरिक्सन का कहना है कि रिलायंस ने 30 सितंबर तक बकाया 550 करोड़ देने का वादा किया था, जो पूरा नहीं किया गया है.
उधर, रिलायंस कम्युनिकेशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर बकाया भुगतान के लिए 60 दिन का समय और मांगा है. एक वक्त देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रही रिलायंस कम्युनिकेशन इस समय बुरी तरह से कर्ज में दबी है. रिलायंस कम्युनिकेशन पर करीब 45,000 करोड़ रुपये का कर्ज है.
क्या है आरकॉम-एरिक्सन डील संबंधी पूरा मामला?
साल 2014 में आरकॉम ने स्वीडन कंपनी एरिक्सन के साथ देशभर में टॉवर मेंटिनेंस के लिए डील की थी. ये डील पूरे सात साल के लिए थी. लेकिन बाद में आरकॉम का बिजनेस कम हो गया, जिसके चलते कंपनी पर कर्ज बढ़ता गया. इसी डील को लेकर एरिक्सन का आरकॉम पर करीब 978 करड़ रुपया बकाया था, जो बढ़कर 1600 करोड़ रुपये हो गया.
बकाये के भुगतान के लिए एरिक्सन ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) का दरवाजा खटखटाया. इसके खिलाफ आरकॉम सुप्रीम कोर्ट चली गई. आरकॉम ने एरिक्सन का भुगतान करने के लिए अपनी संपत्तियां बेचने की इजाजत मांगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एनसीएलटी ने आरकॉम को 30 सितंबर तक समझौते के तहत 550 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा था. समझौते के तहत भुगतान के लिए तय की गई तारीख निकल जाने के बाद एरिक्सन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
एरिक्सन का 550 करोड़ रुपये चुकाने को आरकॉम ने मांगे 60 दिन
टेलीकॉम कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने एरिक्सन का 550 करोड़ रुपये का बकाया चुकाने के लिये 60 दिन का समय और मांगा है. स्पेक्ट्रम बिक्री पूरी नहीं होने के कारण कंपनी ने अतिरिक्त समय मांगा है.
रिलायंस कम्युनिकेशंस ने बंबई शेयर बाजार को बताया-
“एरिक्सन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने समझा जाता है कि आरकॉम के 550 करोड़ रुपये का बकाया नहीं चुकाने पर एक अक्टूबर, 2018 को सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है. यह याचिका अनुचित है.”
आरकॉम ने कहा कि उसने 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दाखिल करके एरिक्सन को बकाये का भुगतान करने के लिए 60 दिन का और समय मांगा है. इस मामले पर 4 अक्टूबर को सुनवाई होगी.
कंपनी ने कहा, "एरिक्सन को आरकॉम की स्पेक्ट्रम बिक्री से मिलने वाली राशि से भुगतान किया जाना है. यह बिक्री अभी तक पूरी नहीं हो सकी क्योंकि इसकी वजह आरकॉम के नियंत्रण से बाहर है."
कंपनी ने कहा है कि इस सौदे को मंजूरी देने के लिये कंपनी ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट के पास आवेदन किया है. लेकिन डिपार्टमेंट ने कंपनी से 2,900 करोड़ रुपये की स्पेक्ट्रम इस्तेमाल शुल्क की मांग की है, जिसे आरकॉम ने टेलीकम्यूनिकेशंस डिस्प्यूट सैटलमेंट एंड अपील ट्रिब्यूनल में चुनौती दी है.
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