गोवा कोर्ट ने तहलका मैगजीन के संस्थापक और पूर्व एडिटर-इन-चीफ तरुण तेजपाल को यौन उत्पीड़न मामले में बरी कर दिया है. तरुण तेजपाल पर साल 2013 में गोवा के एक होटल की लिफ्ट में महिला पत्रकार के सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप लगा था. आठ साल बाद आए इस फैसले पर कई सोशल मीडिया यूजर्स ने आपत्ति दर्ज कराई है. कई यूजर्स ने लिखा कि तेजपाल के ‘माफीनामे’ के बावजूद कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है और ये फैसला महिलाओं को यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने से हतोत्साहित करेगा.
एक्टिविस्ट कविता कृष्णन ने लिखा कि इससे महिलाओं को न्याय मिलने की उम्मीद कम हो जाएगी.
ऑथर और जर्नलिस्ट मेघना पंत ने लिखा, “इसमें सरप्राइज होने वाली क्या बात है? हमारे देश में सभी महिलाओं को यही सिखाया जाता है: यौन उत्पीड़न को नॉर्मलाइज करना.”
जर्नलिस्ट विद्या ने लिखा, “वो कहते रहते हैं कि ‘औरत ही औरत की दुश्मन है’, जबकि सच ये है कि आदमी आदमी का BFF (सच्चा दोस्त) है. पुलिस केस नहीं रजिस्टर करती. कोर्ट इंसाफ नहीं देते. ऑफिस में सेक्सुअल हैरेसमेंट की शिकायत दर्ज नहीं होती. तरुण तेजपाल जेल में होना डिजर्व करता है.”
जर्नलिस्ट धन्या राजेंद्रन ने भी फैसले को गलत बताया.
सिंगर सोना मोहापात्रा ने बॉलीवुड पर्सनैलिटी अनुराग कश्यप और जावेद अख्तर पर भी सवाल उठाते हुए लिखा, "खुद को 'फेमिनिस्ट' कहने वाले लोगों ने तरुण तेजपाल का समर्थन किया था. मुझे संदेह है कि वो इसपर सवाल उठाएंगे."
केस में बरी होने के बाद तरुण तेजपाल ने जो बयान जारी किया, उस पर प्रिंट की हुई तारीख 19 मई थी, जिसे पेन से ठीक कर 21 मई किया गया था. मामले पर पहले फैसला 19 मई को आना था, लेकिन कोर्ट ने इसे 21 मई के लिए सुरक्षित कर दिया था. इस बात पर भी कई लोगों ने सवाल उठाया कि तेजपाल अपने बरी होने को लेकर इतने आश्वस्त थे कि उन्होंने अपना बयान पहले ही लिख लिया था.
आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए तेजपाल ने कहा, “न्याय मिलने से उन्हें राहत मिली है और न्याय 'इस देश में हमेशा दी जाने वाली चीज' नहीं है. यह मेरे परिवार के लिए एक बहुत लंबा बुरा सपना रहा है. मुझे राहत मिली है कि यह आखिरकार खत्म हो गया और मैं न्याय पाने के लिए बहुत आभारी हूं.”
एक औपचारिक लिखित बयान में तेजपाल ने यह भी कहा, “पिछले साढ़े सात साल मेरे परिवार के लिए दर्दनाक रहे हैं क्योंकि हमने अपने व्यक्तिगत पेशेवर और सार्वजनिक जीवन के हर पहलू पर इन झूठे आरोपों के विनाशकारी नतीजों से निपटा है. हमने सैकड़ों घंटे की अदालती कार्यवाही के माध्यम से गोवा पुलिस और कानूनी व्यवस्था के साथ पूरा सहयोग किया है.”
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