आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद(RJD chief Lalu Prasad) के बड़े बेटे तेज प्रताप अपने घर के बाहर धरने पर बैठ गए. तेज प्रताप(Tej Pratap) का आरोप है कि उन्हें राबड़ी आवास में नहीं जाने दिया गया. इसके बाद लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी उन्हें मनाने के लिए गए.
तेजप्रताप ने बताया कि उन्होंंने अपने घर पर भी स्वागत की तैयारियां करके रखी हुई थीं. लेकिन प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, एमएलसी सुनील सिंह और तेजस्वी के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव ने न तो लालू को उनके घर आने दिया और न ही उन्हें राबड़ी आवास जाने दिया.
इसके बाद तेज प्रताप ने कहा है कि मेरे पिता मेरे भगवान है और हम उनके बताए मार्ग पर चल रहे हैं. तेज प्रताप ने कहा कि जिन लोगों ने हमारे पिता को झूठे मुकदमे में फंसाया, आज उनके सामने सब सच्चाई सामने आ जाएगी. तेज प्रताप ने बताया कि वह अपने पिता से बस 10 मिनट के लिए मिलना चाहते थे.
मेरा आरजेडी से कोई लेना-देना नहीं
इस घटना के बाद तेज प्रताप ने कहा है कि आरजेडी के गुंडों ने मेरी गाड़ी को धक्का दिया, आरजेडी के प्रदेश जगदानंद सिंह ने मुझे एयरपोर्ट पर धक्का दिया, मेरे पिता के सामने मेरी बेइज्जती की. मेरा अब आरजेडी से कोई लेना-देना नहीं है, मैं जल्द ही कोई बड़ा फैसला लूंगा.
पिता लालू के स्वागत के लिए की थी भव्य तैयारी
लालू यादव तीन साल बाद पटना आए है. तेज प्रताप ने अपने सरकारी आवास पर पिता के लिए तैयारी की थी. उन्होंने दरवाजे पर वेलकम माई फादर लिखवाया. तेज प्रताप यादव ने एक न्यूज चैनल पर कहा है कि उन्हें राबड़ी आवास जाने से रोक दिया गया. वो पिता लालू प्रसाद को अपने आवास पर भी ले जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें नहीं जाने दिया गया.
ये पहला मौका नहीं है, जब तेज प्रताप ने इस तरह धरने पर बैठे हो या सोशल मीडिया पर अपना दुख जाहिर किया है. इससे पहले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने प्रचार लिस्ट में नाम न होने के कारण प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने ट्वीट पर अपना दुख शेयर किया था. तेज प्रताप ने अपने ट्वीट में कहा था कि मैं सूची में न रहता लेकिन मां और दीदी का नाम तो रहना चाहिए था.
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