सीनियर कांग्रेस नेता और केरल के सांसद शशि थरूर ने सिटिजन अमेंडमेंट बिल पर कहा है कि इसके पास होने के मतलब महात्मा गांधी के विचारों पर मोहम्मद अली जिन्ना के विचारों की जीत होगा. उन्होंने कहा कि धर्म देख कर नागरिकता देने से भारत पाकिस्तान का हिंदुत्व संस्करण हो जाएगा. थरूर ने कहा कि बीजेपी सरकार 'एक समुदाय' को अलग करना चाहती है और उसके सदस्यों को उसी तरह की परिस्थितियों के शिकार अन्य समुदायों की तरह से राजनीतिक शरण देने से इनकार कर रही है.
थरूर ने कहा, कोर्ट पर पूरा विश्वास
पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में थरूर ने कहा कि अगर नागरिकता संशोधन बिल संसद में पास भी हो जाता है तो भी उन्हें पूरा विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट संविधान के बुनियादी तत्वों के इस तरह का घोर उल्लंघन को इजाजत नहीं देगा.
बता दें कि सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री नागरिकता संशोधन बिल को लोकसभा में पेश करने जा रहे हैं. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ही नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी थी, हालांकि कई विपक्षी दल इस बिल का विरोध कर रहे हैं.
थरूर ने कहा बीजेपी सरकार बेहद बेशर्मी से काम कर रही है. पिछले साल तक राजनीतिक शरण देने पर राष्ट्रीय नीति बनाने के मामले में बीजेपी ने किसी बहस में शामिल होने तक से इनकार कर दिया था.
थरूर ने कहा था कि इस मामले में उन्होंने एक प्राइवेट बिल का प्रस्ताव किया था और गृह मंत्री , गृह राज्य मंत्रियों और गृह सचिव से निजी तौर पर बात की थी.
‘शरणार्थियों के अधिकारों से भी इनकार, फिर यह नाटक क्यों?’
लेकिन अचानक अब यह सरकार आगे बढ़ कर शरणार्थियों को नागरिकता बांटने की पहल करने में लगी है. लेकिन असलियत यह है कि यह सरकार अंतरराष्ट्रीय कानून के हिसाब से शरणार्थियों को उनका दर्जा देने और उनके साथ गरिमापूर्ण व्यवहार सुनिश्चित करने को भी तैयार नहीं है. थरूर ने कहा कि सिटिजन अमेंडटमेंट बिल हमें पाकिस्तान के हिंदुत्व संस्करण में सीमित कर देगा. उन्होंने कहा, 'इस बिल का पारित होना जिन्ना के विचारों का महात्मा गांधी के विचारों पर निर्णायक जीत होगी.
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