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राजन ने बताई ‘मन की बात’- दूसरे टर्म के लिए तैयार था, लेकिन...

RBI गवर्नर राजन को लेकर हर एक शंका दूर कर लीजिए

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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने अपने खिलाफ राजनीतिक आरोपों को ‘ओछापन’ करार दिया है.

राजन ने कहा कि वह पहले अपने कार्यों को पूरा करने के लिए कुछ और समय रुकने को लेकर सहमत हो सकते थे. लेकिन वह दूसरा कार्यकाल नहीं लेने के अपने निर्णय से पूरी तरह खुश हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार के साथ बातचीत की प्रक्रिया उस मुकाम तक नहीं पहुंची थी, जहां वह रुकने को लेकर सहमत हो सकते थे.

‘सरकार में कैरियर का कभी मोह नहीं किया’

राजन ने कहा कि वह अपने कैरियर को लेकर कभी चिंतित नहीं रहे. राजन के मुताबिक, उन्होंने देश के हित में जो काम सबसे अच्छा समझा, वह किया. उन्होंने यह भी कहा कि वे टीम के हिसाब से खेलने वाले सबसे अच्छे खिलाड़ी रहे.

राजन का कार्यकाल 4 सितंबर को समाप्त हो रहा है और उसके बाद उनकी फिर से टीचिंग के क्षेत्र में जाने की योजना है. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में काम करते हुए उनकी चमड़ी काफी मोटी हो गई, लेकिन उस समय हमले इतने ओछे नहीं होते थे.

‘स्वामी के आरोप बेबुनियाद थे’

राजन ने एक टेलीविजन चैनल पर कहा,

हाल में हुए कुछ आक्षेप बहुत ओछे थे और एक तरह से वे इल्जाम जैसे थे. बिना किसी आधार के बातें कही गईं.

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि उन्होंने उन आक्षेपों को खुद को दूर ही रखा और उस पर ध्यान नहीं दिया.

हाल के दिनों में बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्‍यम स्‍वामी ने राजन पर निजी हमले किए. उन्होंने आरोप लगाया कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के पूर्व प्रमुख अर्थशास्त्री राजन मानसिक रूप से पूरी तरह भारतीय नहीं हैं और उन्‍होंने गोपनीय व संवेदनशील सूचनाएं विदेशी भेजीं.

RBI की योजनाएं 3 साल के कार्यकाल के हिसाब से बनाईं

रघुराम राजन ने कहा कि जब लोग उनसे पूछते थे कि क्या वह दूसरे कार्यकाल के लिए तैयार हैं, तो वह कहते थे कि हालांकि उन्होंने रिजर्व बैंक में जो भी पहल की है, वह तीन साल के कार्यकाल को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बही-खातों की सफाई तथा मौद्रिक नीति समिति मसौदा गठित करना जैसे कुछ ऐसे काम हैं, जो अभी पूरे नहीं हुए हैं.

राजन ने कहा, ‘’लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि मैं दूसरे कार्यकाल के लिए एकदम से उत्सुक था....मैं कार्यों को पूरा होने के लिए कुछ समय रुकने के लिये तैयार था, लेकिन साथ ही मैं अब जब जा रहा हूं, तो पूरी तरह खुश हूं.’’

राजन ने कहा कि उन्होंने जो काम लिए, उसमें से 90 से 95 प्रतिशत पूरे हो गए और उन्हें यह कार्य करने में पूरी आजादी रही.

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