लोकसभा से पास होने के बाद तीन तलाक बिल (मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2018) बुधवार को राज्यसभा में पेश होगा.
इससे पहले तीन तलाक बिल सोमवार को राज्यसभा में पेश हुआ था, लेकिन विपक्ष के लगातार हंगामे के चलते कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई थी. इस मामले में कांग्रेस का कहना है कि वह मौजूदा स्वरूप में इस बिल को पास नहीं होने देगी. वहीं विपक्षी दल इसे सलेक्ट कमिटी में भेजने की भी मांग कर रहे हैं.
राज्ससभा में क्या बोला विपक्ष
विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने तीन तलाक बिल पर कहा था, ये काफी महत्वपूर्ण बिल है जिसका करोड़ों लोगों की जिंदगी पर अच्छा और बुरा असर होगा. इसीलिए सेलेक्ट कमिटी में भेजे बिना इसे पास नहीं किया जा सकता है.
विपक्ष के अड़ंगे की आलोचना करते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल को लेकर कहा था, विपक्ष इसे लेकर बार-बार अड़ंगा लगा रहा है, विपक्षी सांसद इसे पास नहीं होने देना चाह रहे हैं. जबकि इस बिल से लाखों मुस्लिम महिलाओं का हित जुड़ा हुआ है.
वहीं बीजू जनता दल के नेता प्रसन्ना आचार्य ने तीन तलाक बिल पर कहा था, सुप्रीम कोर्ट ने जो भी फैसला दिया है हम उसे मानते हैं, बिल राज्यसभा में पास होना चाहिए. लेकिन बिल में कुछ बातें ऐसी हैं जिन्हें हटाया जाना जरूरी है. करेक्शन के बाद जल्द से जल्द बिल पास करने के पक्ष में हैं.
लोकसभा में तीन तलाक बिल पास
27 दिसंबर को लोकसभा में ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2018' पास हो गया है. इस बिल के पक्ष में 245, जबकि विरोध में 11 वोट पड़े थे. बिल के पास होने से पहले कांग्रेस, AIADMK और TMC सहित कई पार्टियों ने सदन से वॉकआउट कर दिया था. अब राज्यसभा में बिल पास होने के बाद ही इसे लागू किया जा सकता है.
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