ADVERTISEMENTREMOVE AD

मोदी से बातचीत में धार्मिक आजादी का मुद्दा उठा सकते हैं ट्रंप 

व्हाइट हाउस ने दिए संकेत, ट्रंप मोदी की मुलाकात उठ सकता है सीएए और एनआरसी का मुद्दा

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले हफ्ते होने वाली भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा उठाएंगे. व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि अमेरिका, भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं और संस्थानों का बहुत सम्मान करता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कांफ्रेंस कॉल में पत्रकारों से कहा, ‘‘ अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप अपने सार्वजनिक और निश्चित तौर पर निजी, दोनों भाषणों में हमारी साझा लोकतांत्रिक परम्परा और धार्मिक आजादी के बारे में बात करेंगे. वे इन मुद्दों को उठाएंगे, खासतौर से धार्मिक आजादी का मुद्दा, जो इस प्रशासन के लिए बेहद अहम हैं.”

अधिकारी से यह पूछा गया था कि क्या संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) या एनआरसी पर ट्रंप की प्रधानमंत्री से बात करने की योजना है. ट्रंप और अमेरिका की प्रथम महिला मिलानिया ट्रंप का 24 और 25 फरवरी को अहमदाबाद, आगरा और नई दिल्ली जाने का कार्यक्रम है.

अमेरिका ने दिए संकेत,सीएए का मुद्दा उठ सकता है

अधिकारी ने बताया, ‘‘हमारी सार्वभौमिक मूल्यों, कानून व्यवस्था को बरकरार रखने की साझा प्रतिबद्धता है. हम भारत की लोकतांत्रिक परम्पराओं और संस्थानों का बड़ा सम्मान करते हैं और हम भारत को उन परम्पराओं को बरकरार रखने के लिए प्रेरित करते रहेंगे.’’

सीएए और एनआरसी के सवाल पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम आपकी ओर से उठाए कुछ मुद्दों को लेकर चिंतित हैं. मुझे लगता है कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी बैठक में इन मुद्दों को उठाएंगे. दुनिया अपनी लोकतांत्रिक परम्पराओं, धार्मिक अल्पसंख्यकों का सम्मान बनाए रखने के लिए भारत की ओर देख रही है.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा पर हो सकती है बात

अधिकारी ने कहा, ‘‘जाहिर तौर पर भारतीय संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता, धार्मिक अल्पसंख्यकों का सम्मान और सभी धर्मों से समान व्यवहार की बात है.यह राष्ट्रपति के लिए महत्वपूर्ण है और मुझे भरोसा है कि इस पर बात होगी.’

उन्होंने कहा कि भारत धार्मिक और भाषायी रूप से समृद्ध तथा सांस्कृतिक विविधता वाला देश है. उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि वह दुनिया के चार बड़े धर्मों का उद्गमस्थल है. ‘’ वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल चुनाव जीतने के बाद अपने पहले भाषण में इस बारे में बात की थी कि वह भारत के धार्मिक अल्पसंख्यकों को साथ लेकर चलने को प्राथमिकता देंगे. और निश्चित तौर पर दुनिया की निगाहें कानून व्यवस्था के तहत धार्मिक स्वतंत्रता बनाए रखने और सभी के साथ समान व्यवहार करने के लिए भारत पर टिकी है.’’

ADVERTISEMENTREMOVE AD

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×