चेक कर लीजिए, कहीं आपके साथ ऐसा तो नहीं हुआ कि गए मोबाइल फोन के आधार वेरिफिकेशन के लिए और चुपके से वहां आपका बैंक खाता भी खोल दिया गया.
बात हैरानी से ज्यादा परेशानी की है. आधार के दुरुपयोग की आशंकाओं के बीच एक रिपोर्ट ने फिक्र बढ़ा दी है. इसके मुताबिक, एयरटेल में मोबाइल कनेक्शन के ग्राहकों के आधार पहचान के दौरान पेमेंट अकाउंट के लिए भी आधार वेरिफाई करा लिया गया.
इन आरोपों के बाद यूनिक अथॉरिटी ने जांच के आदेश दे दिए हैं. लेकिन ये जानना जरूरी है कि कैसे तोड़ा गया ग्राहकों का भरोसा.
क्या एयरटेल ने धोखेबाजी की?
टेलीकॉम कंपनी एयरटेल पर आरोप लगा है कि उसने कस्टमर के भरोसे को तोड़ा है और आधार वेरिफिकेशन का गलत इस्तेमाल किया. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मोबाइल फोन के ग्राहकों के चोरी-छिपे एयरटेल पेमेंट बैंक में उनके खाते खोल दिए गए. ये भरोसे तो तोड़ने की बात है, क्योंकि ये ग्राहक अकाउंट खुलवाने नहीं, बल्कि अपने मोबाइल नंबर का वेरिफिकेशन कराने आए थे.
ऐसे में किसी को भी चक्कर आ सकता है, क्योंकि बिना जानकारी पेमेंट बैंक में खाता खोल दिया गया.
क्या एयरटेल ने आधार कानून तोड़ा?
मामला इस लिहाज से भी ज्यादा गंभीर है, क्योंकि कई जानकार पहले ही आशंका जता चुके हैं कि बैंक या मोबाइल कंपनियों में आधार रिकॉर्ड का दुरुपयोग हो सकता है. हालांकि सरकार भरोसा दे रही है कि आधार सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित है.
इस मामले में नाराजगी जताते हुए यूनिक आइडेंटीफिकेशन अथॉरिटी यानी यूआईडीएआई ने एयरटेल की कथित धोखेबाजी की जांच के आदेश दे दिए हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यूआईडीएआई ने कंपनी को कारण बताओ नोटिस भेजकर पूछा है:
- क्या आधार एक्ट का उल्लंघन हुआ?
- एयरटेल के कर्मचारियों ने बिना बताए बैंक खाता क्यों खोला?
- मोबाइल के आधार वेरिफिकेशन पेमेंट बैंक के रिकॉर्ड में कैसे पहुंच गया?
यूआईडीएआई ने कहा है कि जांच में अगर एयरटेल दोषी पाया गया, तो उसपर भारी जुर्माना लगाया जाएगा.
कैसे खुली पोल
रिपोर्ट के मुताबिक, एयरटेल के कस्टमरों को आधार की बायोमेट्रिक पहचान के लिए बुलाया गया. लेकिन उनमें से कई को बिना बताए एयरटेल पेमेंट बैंक का ग्राहक भी बना लिया गया.
इन लोगों को अपने एयरटेल बैंक पेमेंट खाते का पता उस वक्त चला, जब कई ग्राहकों की रसोई गैस की सब्सिडी उनके निर्धारित बचत खातों के बजाए एयरटेल पेमेंट बैंक खातों में पहुंच गई. ऐसा होने पर हैरान कई ग्राहकों ने इसकी शिकायत की, तब उन्हें पता चला कि उनका एयरटेल पेमेंट बैंक में खाता भी है.
हरकत में आई यूनिक अथॉरिटी
रिपोर्ट के मुताबिक, सब्सिडी की रकम करीब 40 करोड़ रुपये है. इस मामले की जानकारी जब यूनिक अथॉरिटी को मिली, तो जांच शुरू की गई. अथॉरिटी के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि मामला बहुत गंभीर है. ये सीधे तौर पर भरोसा तोड़ने के साथ आधार कानून के उल्लंघन का है.
इस रिपोर्ट में यूनिक अथॉरिटी के सीईओ अजय भूषण पांडेय के हवाले से बताया गया कि आधार वेरिफिकेशन के दौरान कुछ टेलीकॉम कंपनियों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं. इसकी जांच शुरू हो गई है और अगर आरोप सही साबित हुए, तो निश्चित तौर पर ये बेहद गंभीर बात होगी. हालांकि उन्होंने टेलीकॉम कंपनी का नाम नहीं बताया.
एयरटेल का इनकार
रिपोर्ट में एयरटेल के प्रवक्ता ने हालांकि रिपोर्ट में कंपनी की तरफ से किसी तरह की गड़बड़ी से तो इनकार कर दिया, लेकिन ये भी कह दिया कि वो पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और मजबूत बनाने के लिए अपने रिटेल पार्टनरों के साथ काम कर रहा है.
एयरटेल का दावा है कि उनका पेमेंट बैंक तमाम गाइडलाइंस का पालन कर रहा है. बैंक में खाते खोलने से पहले कस्टमर की मंजूरी ली जाती है और फिर खाते में सब्सिडी ट्रांसफर की अलग से मंजूरी ली जाती है.
देश में इस वक्त एयरटेल समेत 4 पेमेंट बैंकों ने काम शुरू कर दिया है. पेमेंट बैंक 1 लाख रुपये तक डिपॉजिट ले सकते हैं और लेन-देन कर सकते हैं, लेकिन कोई लोन नहीं दे सकते.
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