मोदी राज में देश में बेरोजगारी और आतंकवाद की चुनौतियां बढ़ गई हैंं अमेरिकी रिसर्च एजेंसी प्यू रिसर्च सेंटर के सर्वे में कहा गया है कि देश की आधी से अधिक आबादी मौजूदा हालात से खुश है लेकिन बेरोजगारी और आतंकवाद की चुनौतियों को वो गंभीर मानती है. 76 फीसदी लोगों का मानना है कि बेरोजगारी देश की सबसे बड़ी चुनौती है.
65 फीसदी लोगों ने माना, आतंकवाद काफी बड़ा खतरा
यह सर्वे फरवरी में हुए पुलवामा अटैक के पहले किया गया था. इसमें 75 फीसदी लोगों ने पाकिस्तान को खतरा करार दिया, जबकि 65 फीसदी लोगों ने आतंकवाद को काफी बड़ा खतरा करार दिया. सर्वे के दौरान भले ही 55 फीसदी लोग देश के हालात से खुश थे. जब उनसे पूछा गया कि मोदी सरकार के दौरान पांच साल में हालात अच्छे हुए हैं या खराब तो ज्यादातर का मानना था हालात अच्छे हुए हैं.
67 फीसदी लोगों ने माना रोजगार के लिहाज से हालात ज्यादा खराब
सर्वे के मुताबिक सिर्फ 21 फीसदी लोगों ने माना कि मोदी सरकार के तहत पिछले पांच साल में रोजगार के अवसर बेहतर हुए हैं. 67 फीसदी लोगों का मानना था कि रोजगार के लिहाज से हालात खराब हुए हैं. इतने ही फीसदी लोगों का कहना था कि महंगाई बढ़ी है और भ्रष्टाचार और बढ़ा है. 59 फीसदी लोगों ने कहा कि आतंकवाद के हालात पहले की तुलना में ज्यादा खराब हुए हैं.
सिर्फ 28 फीसदी लोगों का मानना था कि सांप्रदायिक सौहार्द अच्छा हुआ है. 45 फीसदी लोगों का मानना था कि सांप्रदायिक सौहार्द खराब हुआ है.
- 76 लोग बेरोजगारी को मानते हैं सबसे बड़ी चुनौती.
- 73 फीसदी लोगों की नजर महंगाई सबसे बड़ी चुनौती
- 66 फीसदी लोगों ने माना भ्रष्टाचार सबसे बड़ी चुनौती
- 65 फीसदी लोगों का मानना है कि आतंकवाद बड़ी समस्या
- 64 फीसदी लोगों की नजर में अपराध सबसे बड़ी समस्या
देश के 76 फीसदी लोगों ने पाकिस्तान को खतरा माना. इनमें से 63 फीसदी ने पाकिस्तान को काफी गंभीर खतरा माना. 56 फीसदी ने माना की उनका देश एक दशक पहले अंतरराष्ट्रीय मामलों में ज्यादा बड़ी भूमिका अदा कर रहा था. 70 फीसदी लोगों का कहना था कारोबार देश के लिए अच्छा है.
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