केंद्रीय मंत्री वीके सिंह(VK Singh) ने 29 जनवरी शनिवार को 'न्यूयॉर्क टाइम्स' ('new York Times') को सुपारी मीडिया बताया है. बता दें न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि भारत ने एक रक्षा सौदे में इजरायल से जासूसी में उपोयग किया जाने वाला विवादित पेगासस सॉफ्टवेयर खरीदा था.
यह सौदा 2017 की रक्षा खरीद से जुड़ा है, जिसमें भारत ने लगभग दो अरब डॉलर के रक्षा उपकरण इजरायल से खरीदे थे.
न्यूयॉर्क टाइम्स की इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए वीके सिंह ने ट्वीट कर कहा, ‘‘क्या आप एनवाईटी पर भरोसा कर सकते हैं? उसे ‘सुपारी मीडिया’ के रूप में जाना जाता है.’’
NYT की रिपोर्ट के बाद फिर उठा पेगासस और नागरिकों की जासूसी का मामला
इस रिपोर्ट के खुलासे के बाद भारत में एक बार फिर पेगासस मुद्दा गरमा गया है. कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा,
"मोदी सरकार ने हमारे लोकतंत्र की प्राथमिक संस्थाओं, राजनेताओं व जनता की जासूसी करने के लिए पेगासस खरीदा था. फोन टैप करके सत्ता पक्ष, विपक्ष, सेना, न्यायपालिका सब को निशाना बनाया है. ये देशद्रोह है. मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है."
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ये आर्म्स डील 2017 की है, जब प्रधानमंत्री मोदी इजरायल दौरे पर जाने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री थे.
पेगासस के इस्तेमाल से इन लोगों की जासूसी की खबर आई थी
पेगासस स्पाइवेयर के जासूसी का खुलासा फ्रांस की संस्था Forbidden Stories और एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty international) ने मिलकर खुलासा किया था, और भारत में द वायर ने. द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक,भारत में करीब 40 पत्रकारों के नाम थे जिनकी पेगासस स्पाइवेयर के जरिए जासूसी की गई थी. लीक हुई लिस्ट में हिंदुस्तान टाइम्स, इंडिया टुडे, नेटवर्क 18, द हिंदू और इंडियन एक्सप्रेस के टॉप पत्रकार शामिल हैं. इनमें हिंदुस्तान टाइम्स के शिशिर गुप्ता, द वायर के फाउंडिंग एडिटर सिद्धार्थ वरदराजन और एमके वेणु, द वायर के लिए लगातार लिखने वालीं रोहिणी सिंह का नाम था
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