उन्नाव रेप और मर्डर मामले में यूपी सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है. योगी सरकार ने इस केस में 7 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. शासन ने उन्नाव के थाना बिहार के प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार त्रिपाठी, प्रभारी बीट अरविन्द सिंह रघुवंशी, श्रीराम तिवारी, बीट आरक्षी अब्दुल वसीम, आरक्षी पंकज यादव, आरक्षी मनोज और आरक्षी संदीप कुमार को निलंबित किया है.
पुलिसकर्मियों को काम में लापरवाही बरतने, अपराध नियंत्रण में नाकाम रहने और मामले से जुड़ी घटनाओं पर लचर रवैये की वजह से सस्पेंड किया गया है.
उन्नाव की बेटी का अंतिम संस्कार
इससे पहले उन्नाव की बेटी के पार्थिव शरीर का रविवार दोपहर को हजारों लोगों की मौजूदगी में हिंदूपुर गांव के बाहरी इलाके में अंतिम संस्कार किया गया. परिवार वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के भरोसे के बाद पीड़िता का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हो गया.
अधिकारियों ने परिवार को भरोसा दिलाया है कि उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा. पीड़िता की बहन ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत परिवार को दिए गए 25 लाख रुपये के मुआवजे और एक घर के आश्वासन के अलावा परिवार के एक सदस्य के लिए सरकारी नौकरी की मांग की है.
मृतका की बहन ने कहा था कि जब तक सीएम आदित्यनाथ मौके पर नहीं आते और कड़ी कार्रवाई का आश्वासन नहीं देते, तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा.
लड़की की बहन ने कहा था, “मुझे मुख्यमंत्री से खुद बात करनी है. मेरी बहन की सरकारी नौकरी लगने वाली थी. अब परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए और घटना के जिम्मेदार आरोपियों को तत्काल फांसी दी जानी चाहिए.”
बहन को सुरक्षा,भाई को हथियार का लाइसेंस
लखनऊ के कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने बताया है कि प्रशासन लड़की की बहन को 24 घंटे सुरक्षा मुहैया कराएगा. कमिश्नर ने कहा, "लड़की के परिवार के बाकी लोगों को भी सुरक्षा दी जाएगी. लड़की के भाई ने आत्म-सुरक्षा के लिए हथियार के लाइसेंस की मांग की थी, जो उसे अब दिया जाएगा."
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