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UP निकाय चुनावः वोटर लिस्ट में गड़बड़ी, सांसद भी नहीं डाल सके वोट

वोटों की गिनती 1 दिसंबर को होगी

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उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के दूसरे चरण में रविवार को मतदाता सूची में गड़बड़ी के कारण कई मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सके. इसमें कई नामी-गिरामी लोग भी शामिल रहे.

देवरिया से बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र और प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुलखान सिंह का नाम भी वोट न दे पाने वालों में शामिल है. वहीं वोटर लिस्ट में आठ माह की बच्ची का नाम होने का मामला भी सामने आया है. कई जगहों पर मतदान सूची में नाम न होने के कारण मतदाताओं ने हंगामा भी किया.

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उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव के दूसरे फेज में 50 फीसदी से अधिक लोगों ने वोट दिए. इस फेज में 25 जिलों की 6 नगर निगमों, 51 पालिका परिषदों और 132 नगर पंचायतों में वोटिंग हुई. 

कलराज मिश्र पिछली बार भी नहीं दे पाए थे वोट

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सांसद कलराज मिश्र का नाम मतदाता सूची से गायब था. वो बिना वोट डाले ही अपने काम से रायबरेली चले गए. पिछले निकाय चुनाव में भी उनका नाम सूची में नहीं था. पूर्व मंत्री ने बताया कि उन्होंने इस दफा सूची में नाम जुड़वाने के लिए जरूरी कार्रवाई भी की थी, फिर भी उनका नाम सूची में नहीं था.

इसके साथ ही डीजीपी सुलखान सिंह का नाम भी वोटर लिस्ट से गायब रहा. वो भी वोट नहीं डाल सके.

डीजीपी सुलखान सिंह सहित लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार में रिवर व्यू अपार्टमेंट में रहने वाले सभी मतदाता वोटिंग से वंचित रह गए. लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने रिवर व्यू अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों के नाम नगर निगम को नहीं सौंपे थे. इस वजह से उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं शामिल हुआ.

तीन बार मेयर रह चुके दाऊजी गुप्ता भी रहे वंचित

इसके अलावा मतदाता सूची में गड़बड़ी के कारण लखनऊ के तीन बार मेयर रह चुके दाऊजी गुप्ता भी वोट नहीं डाल सके. उन्होंने करीब तीन घंटों तक अपने और अपने परिवार का नाम सूची में तलाशा, लेकिन नाम नहीं मिला.

उन्होंने कहा कि उनसे उनका लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिया गया. उनका नाम लिस्ट में नहीं मिलने पर बीजेपी, एसपी और अन्य दलों के क्षेत्रीय नेताओं ने मतदान केंद्र पर जमकर हंगामा किया. पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी जैनेंद्र सिंह का नाम भी वोटर लिस्ट से नदारद रहा.

‘राज्य निर्वाचन आयुक्त से करेंगे शिकायत’

वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक रहे वीरभद्र निषाद का नाम भी मतदाता सूची से गायब रहा. वोटर लिस्ट से नाम गायब होने के बाद उन्होंने कहा कि इस मामले की शिकायत वो डीएम और राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल से करेंगे.

यहीं नहीं वाराणसी में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय के प्रभारी शिव शरण पाठक का नाम भी मतदाता सूची से गायब रहा. पाठक सिगरा से मतदाता हैं.

8 साल की बच्ची का नाम लिस्ट में शामिल

मतदाता लिस्ट में गाजियाबाद की आठ साल की एक बच्ची का नाम शामिल किया गया. वहीं लखनऊ के गोमतीनगर के एक मकान से एक दो नहीं बल्कि 67 मतदाताओं के नाम दर्ज मिले. यूपी निकाय चुनाव के दूसरे चरण में रविवार को 25 जिलों में मत डाले गए. तीसरे चरण का मतदान 29 नवंबर को होगा. वोटों की गिनती 1 दिसंबर को होगी.

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