आगरा (Agra) में 19 अक्टूबर को पुलिस हिरासत में हुई सफाई कर्मचारी की मौत के बाद उसके परिवार से मिलने जा रही कांग्रेस महसचिव प्रियंका गांधी के काफिले को पुलिस ने लखनऊ में रोका. इसके बाद पुलिस ने प्रियंका गांधी को काफी देर तक हिरासत में रखा. लेकिन अब बताया जा रहा है कि प्रियंका को पीड़ित परिवार से मिलने की इजाजत दे दी गई है.
कांग्रेस ने दावा किया है कि यूपी सरकार - जिसने इस महीने की शुरुआत में गांधी वाड्रा को लखीमपुर कांड में मारे गए किसानों के परिवारों से मिलने से रोकने के लिए हिरासत में लिया था अब उन्हें अरुण के परिवार से बात करने से रोकने की कोशिश कर रही है, जिस पर 25 लाख की चोरी का आरोप लगाया गया था.
यूपी पुलिस ने कहा है कि हमने प्रियंका गांधी को इसलिए रोका है क्योकि उनके पास अनुमति नहीं है.
कांग्रेस समर्थकों ने यूपी सरकार को घेरा
आगरा जा रही प्रियंका गांधी को हिरासत में लेने के बाद, कांग्रेस समर्थकों ने ' योगी तेरी तानाशाही नहीं चलेगी,ये गुड़ागर्दी नहीं चलेगी जैसे नारे लगाए. सर्मथकों ने आरोप लगाया है कि योगी सरकार ने हमारे साथ गुड़ागर्दी की है.
हर जगह जाने की लू सरकार से अनुमति- प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी को पुलिस हिरासत में लेने के बाद मीडिया को बताया कि क्या मुझे यूपी में हर जगह जाने के लिए यूपी सरकार से अनुमति लेनी होगी.इसके साथ ही उन्होंने पुलिस अधिकारियों से पूछा कि आगरा में जाने से क्या कोई समस्या है क्या.प्रियंका ने आगे बताया कि किसी की मौत हो गई है, तो लॉ एन ऑर्डर का इश्यू कैसे हो सकता है. ये तो हद हो गई की मैं कंही जा नहीं सकती. ये यूपी सरकार की एक तरह से तानाशाही है.
क्या था मामला?
आगरा के एक थाने के 'मैखाना' से 25 लाख रुपये नकद चोरी के मामले में स्थानीय पुलिस ने सफाई कर्मी अरुण कुमार को गिरफ्तार किया था. एसएसपी आगरा जी मुनिराज का दावा है कि उससे पूछताछ की गई और उसने अपना अपराध कबूल कर लिया, लेकिन बाद में पुलिस हिरासत में उसकी मौत हो गई. अरुण का परिवार पुलिस पर बेईमानी का आरोप लगा रहा है और हिरासत में प्रताड़ना से मौत की शिकायत दर्ज कराई है.
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