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Paper Leak: व्हाट्सएप पर आया UP बोर्ड का पेपर, 'परीक्षा प्रभावित नहीं हुई'- बोर्ड

Paper Leak Case: विनय चौधरी, केंद्र व्यवस्थापक राजेंद्र सिंह, सहायक केंद्र व्यवस्थापक गंभीर सिंह और सेक्टर मजिस्ट्रेट गजेंद्र सिंह के खिलाफ FIR दर्ज हुई है.

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भारत
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यूपी बोर्ड (UP Board) की इंटरमीडिएट की जीव विज्ञान और गणित की परीक्षा शुरू हुए 1 घंटे का समय हुआ ही था कि आगरा के एक व्हाट्सएप ग्रुप पर प्रश्न पत्र की फोटो आ गई. कथित पेपर लीक का ये कोई पहला मामला नहीं है, हाल ही में RO/ARO फिर यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में भी पेपर लीक के आरोप लगे हैं.

एक के बाद एक हो रहे पेपर लीक मामलों से सरकार की लगातार किरकिरी हो रही है. पुलिस ने यूपी बोर्ड की परीक्षा लीक मामले में जिला स्कूल निरीक्षक की तहरीर पर चार नामजद लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. अभी तक इस मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है.

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व्हाट्सएप ग्रुप पर भेजा प्रश्न पत्र, फिर किया डिलीट

यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा की दूसरी पाली में दोपहर 2 बजे से जीव विज्ञान और गणित की परीक्षा होनी थी. परीक्षा शुरू होने के 1 घंटे बाद तकरीबन 3 बज कर 10 मिनट पर "ऑल प्रिंसिपल्स आगरा" नाम के एक व्हाट्सएप ग्रुप पर गणित और जीव विज्ञान के प्रश्न पत्र का फोटो भेजा गया. बोर्ड परीक्षा का प्रश्न लीक होने के दावे से शिक्षा विभाग और प्रशासन में हड़कंप मच गया.

शुरुआती जांच में पता चला की जिस मोबाइल नंबर से प्रश्न पत्र ग्रुप पर भेजा गया था वह किसी विनय चौधरी नाम के व्यक्ति का है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों को बाद में पता चला कि विनय चौधरी आगरा के ही एक स्कूल अतर सिंह इंटर कॉलेज में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात है.

सूत्रों की माने तो विनय चौधरी की मंशा पेपर लीक करने की ही थी. लेकिन जैसे ही उसने व्हाट्सएप ग्रुप पर पेपर डाला, वो भी "ऑल प्रिंसिपल्स आगरा" वाले ग्रुप में, तब उसे यह समझ आ गया कि उसकी पहचान उजागर हो सकती है. इसीलिए उसने पेपर को तुरंत डिलीट भी कर दिया. हालांकि तब तक ग्रुप के ही कुछ लोगों ने विनय चौधरी द्वारा डाले गए प्रश्न पत्र के फोटो का स्क्रीनशॉट ले लिया था.

इसके बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों के संज्ञान में यह मामला लाया गया जिसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक दिनेश कुमार की तहरीर पर विनय चौधरी, केंद्र व्यवस्थापक राजेंद्र सिंह, सहायक केंद्र व्यवस्थापक गंभीर सिंह और सेक्टर मजिस्ट्रेट गजेंद्र सिंह के खिलाफ उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 1998 की धारा 3 और 4 और सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम 2008 की धारा 72 के अंतर्गत आगरा के फतेहपुर सीकरी थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

Paper Leak Case: विनय चौधरी, केंद्र व्यवस्थापक राजेंद्र सिंह, सहायक केंद्र व्यवस्थापक गंभीर सिंह और सेक्टर मजिस्ट्रेट गजेंद्र सिंह के खिलाफ FIR दर्ज हुई है.

FIR

(फोटो- स्क्रीनशॉट)

पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आगरा के डीसीपी पश्चिमी सोनम कुमार ने बताया कि:

"गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ की जा रही है. पेपर लीक करने के पीछे किन लोगों को अनुचित लाभ पहुंचाने का उद्देश्य था? कंप्यूटर ऑपरेटर विनय चौधरी के अलावा किन लोगों की संलिप्तता थी? क्या इन लोगों की पहले भी परीक्षाओं के पेपर लीक करने में कोई भूमिका रही है? कई ऐसे सवाल हैं जो सामने उभर कर आ रहे हैं जिसका जवाब पुलिस की जांच में निकलकर सामने आ सकता है."
सोनम कुमार, आगरा के डीसीपी पश्चिमी
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बोर्ड का दावा - पेपर लीक से प्रभावित नहीं हुई परीक्षा

पेपर लीक होने के बावजूद माध्यमिक शिक्षा परिषद दावा कर रहा है कि परीक्षा प्रभावित नहीं हुई है. माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्याकांत शुक्ला की तरफ से जारी प्रेस नोट में लिखा गया कि, "विनय चौधरी नाम के व्यक्ति द्वारा "ऑल प्रिंसिपल्स आगरा" नाम के व्हाट्सएप ग्रुप पर इंटरमीडिएट के जीव विज्ञान व गणित का पेपर दोपहर 3:10 पर भेजा गया था. तब तक 1 घंटे 10 मिनट तक की परीक्षा हो चुकी थी और सभी परीक्षार्थी अपने-अपने परीक्षा केंद्रों पर अपने कक्ष में परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से दे रहे थे, जिससे किसी भी स्तर पर परीक्षा प्रभावित नहीं हुई है."

व्हाट्सएप ग्रुप पर पेपर परीक्षा शुरू होने के 1 घंटे 10 मिनट बाद भेजा गया था यह तर्क बताकर माध्यमिक शिक्षा परिषद पेपर लीक से परीक्षा प्रभावित न होने का दावा कर रहा है.

लेकिन फिर इस पर कई सवाल खड़े होते हैं, जैसे क्या विनय तिवारी के पास प्रश्न पत्र व्हाट्सएप पर डालने से पहले ही आ गया था? कहीं व्हाट्सएप के अलावा किसी और माध्यम से प्रश्न पत्र तो नहीं भेज दिया गया था?

जब तक इस मामले की पूरी जांच और तथ्य सामने नहीं आते तब तक यह कहना मुश्किल होगा की पेपर लीक कर किसी को अनुचित लाभ पहुंचाया गया था या नहीं.

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