ADVERTISEMENTREMOVE AD

अमेरिका जाना होगा महंगा,H-1B वीजा फीस बढ़ाने की तैयारी 

अमेरिकी श्रम मंत्रालय H-1B वीजा की फीस बढ़ाने की तैयारी कर रहा है

Updated
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

H-1B वीजा पर अमेरिका जाने की हसरत रखने वाले आईटी और टेक्नोलॉजी पेशेवरों के लिए मौके घट सकते हैं. ट्रंप प्रशासन वीजा एप्लीकेशन की फीस बढ़ा सकता है. बढ़ी हुई फीस से इकट्ठा रकम अमेरिकी युवाओं की टेक्नोलॉजी ट्रेनिंग में खर्च होगी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अमेरिकी संसद की कमेटी को श्रम मंत्रालय ने दी जानकारी

अमेरिकी श्रम मंत्री अलेक्जेंडर अकोस्टा ने कांग्रेस की एक कमेटी को 1 अक्टूबर को बताया कि H-1B वीजा की आवेदन फीस बढ़ सकती है. फीस कितनी बढ़ेगी और किस कैटगरी के लिए यह लागू होगी इस बारे में नहीं बताया गया.

0

भारतीय आईटी कंपनियों पर बढ़ेगा दबाव

अमेरिकी सरकार ने फीस बढ़ाई तो H-1B पर आईटी इंजीनियरों को अमेरिका भेजने वाली भारतीय कंपनियों की लागत बढ़ जाएगी. इसका असर उनके मुनाफे पर पड़ सकता है. साथ ही इस वीजा पर कम आईटी पेशेवर अमेरिका भेजे जा सकते हैं.

टेक्नोलॉजी कंपनियां भारत और चीन से हजारों आईटी पेशेवरों को H-1B वीजा पर अमेरिका भेजती हैं. लेकिन अमेरिकी सरकार का कहना है कि इससे अमेरिकी पेशेवरों की नौकरियों के मौके कम हो रहे है. इसी तर्क के आधार पर ट्रंप प्रशासन H-1B वीजा से जुड़े नियमों में बदलाव कर रहा है. सोमवार को अमेरिकी न्यूजपेपर सिएटेल टाइम्स ने खबर छापी थी कि इमिग्रेशन विभाग कुशल विदेशी पेशेवरों के चार वीजा आवेदनों में से एक को रद्द कर रहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अकोस्टा ने अमेरिकी संसद की कमेटी को बताया कि श्रम विभाग ने पिछले साल हर सेक्टर के लिए पहली बार अप्रेंटिसशिप फंडिंग योजना लांच की थी. इसके तहत इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर और एडवांस्ड मैन्यूफैक्चरिंग के अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम में खर्च करने वाले फंड को वीजा की बढ़ी फीस से मदद मिल सकती है.

भारतीय आईटी कंपनियों की ओर से H-1B वीजा के लिए काफी आवेदन दिए जाते हैं. H-1B नॉन इमिग्रेशन वीजा है, जिस पर कंपनियां कुशल पेशेवरों को अमेरिकी कंपनियों के लिए काम करने के लिए भेजती हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×