अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने भारत में मानवाधिकारों के हनन पर सवाल उठाया है. एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि अमेरिका (America) भारत में मानवाधिकारों के हनन में बढ़ोतरी की निगरानी कर रहा है.
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन, भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता में ब्लिंकन ने कहा,
"हम अपने भारतीय सहयोगियों के साथ इन साझा मूल्यों (मानवाधिकारों) को लेकर बातचीत करते रहते हैं. इसके लिए हम भारत में कुछ चिंताजनक घटनाक्रम की निगरानी कर रहे हैं. इसमें कुछ सरकारों, पुलिस और जेल अधिकारियों के मानवाधिकारों के उल्लंघन करने की बढ़ती घटनाएं शामिल हैं."
हालांकि ब्लिंकन ने विस्तार से कुछ नहीं बताया. ब्रीफिंग में ब्लिंकन के बाद बोलने वाले राजनाथ सिंह और जयशंकर ने मानवाधिकार के मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की.
ब्लिंकन का ये बयान ऐसे समय में आया जब इससे पहले अमेरिका की सांसद इल्हान उमर ने मोदी सरकार की मुस्लिमों के मानवाधिकारों को लेकर नीति की कड़ी आलोचना की थी.
इससे पहले भी अमेरिकी विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में मानवाधिकारों से जुड़े कई अहम मुद्दे हैं, जिनमें गैर कानूनी हत्याएं, अभिव्यक्ति और प्रेस की स्वतंत्रता पर पाबंदी, भ्रष्टाचार और धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन की सहनशीलता शामिल है.
भारत ने दिया था जवाब
बता दें कि इससे पहले भारत ने विदेशी सरकारों और मानवाधिकार ग्रुप के आरोपों को खारिज किया था.
भारत सरकार ने कहा था कि भारत में सभी के अधिकारों की रक्षा के लिए सुस्थापित लोकतांत्रिक प्रथाएं और मजबूत संस्थान हैं. सरकार ने इस बात पर जोर दिया था कि भारतीय संविधान मानव अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानूनों के तहत पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करता है.
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