अमेरिका ने भारत से धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने की अपील की है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत अपने संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों को बरकरार रखते हुए धार्मिक अल्पसंख्यकों को सुरक्षा दे.अमेरिका, विवादित नागरिकता संशोधन बिल के सिलसिले में भारत के अलग-अलग राज्यों के मौजूदा घटनाक्रमों पर नजर रख रहा है.
गुरुवार को अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा
हम सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल के सिलसिले में देश के अलग-अलग हिस्सों में जारी घटनाक्रमों पर नजदीकी नजर बनाए हुए हैं. कानून के तहत समान व्यवहार और धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान हम दो लोकतांत्रिक देशों के मौलिक सिद्धांत हैं.
अमेरिका भारत से अनुरोध करता है कि वह अपने संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों को बरकरार रखते हुए धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करे.
अमेरिकी आयोग ने अमित शाह पर की थी बैन लगाने की मांग
सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल कर अमेरिका में खासी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है. कुछ अमेरिकी सांसद भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकार में कथित कटौती पर बिल ला सकते हैं. इससे पहले अमेरिकी आयोग (USCIRF) ने नागरिकता संशोधन बिल को गलत दिशा में खतरनाक मोड़ बताया था.
आयोग ने अमेरिकी सरकार से कहा था कि अगर यह बिल संसद के दोनों सदनों में पास हो जाता है तो गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंध लगाने पर विचार किया जाना चाहिए
USCIRF ने 9 दिसंबर को जारी किए अपने बयान में कहा था अगर नागरिकता संशोधन बिल संसद के दोनों सदनों में पास हो जाता है, तो अमेरिकी सरकार को गृह मंत्री अमित शाह और दूसरे प्रमुख नेतृत्व के खिलाफ प्रतिबंध लगाने पर विचार करना चाहिए. वो नागरिकता संशोधन बिल के लोकसभा में पास होने से काफी चिंतित है.
शाह ने 9 दिसंबर को नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पेश किया था, जहां यह 311 सदस्यों के समर्थन से पास हो गया. 80 सदस्यों ने इस बिल के खिलाफ वोट किया. इसके बाद यह राज्यसभा में भी पारित हो गया. सिटिजनशिप बिल का असम समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में विरोध हो रहा है. इन राज्यों को लगता है कि इससे बड़ी तादाद में लोग इनके यहां आ जाएंगे और सामाजिक असंतुलन पैदा हो जाएगा.
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