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UP: मतदान प्रभावित करने के आरोपों के बीच तीसरे चरण में संभल में सबसे ज्यादा मतदान

Lok Sabha Election: संभल लोकसभा सीट को छोड़कर बाकी सभी 9 सीटों पर मतदान प्रतिशत 55 से 60% के बीच रहा.

Published
भारत
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सत्ता की शह पर शासन-प्रशासन द्वारा मतदान को प्रभावित करना, ईवीएम में गड़बड़ियों और बोगस वोटिंग के आरोपों के बीच 2024 लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के तीसरे चरण में यूपी (Uttar Pradesh) की 10 सीटों पर मतदान हुआ. आधिकारिक आंकड़ों में इन 10 सीटों पर औसत 57.34% मतदान हुआ. बता दें, 2019 के मुकाबले वोटर टर्नआउट में इस बार तकरीबन 3% की कमी हुई है.

पहले दो चरणों में हुए कम मतदान के बाद चुनाव आयोग ने तीसरे चरण में वोटर टर्नआउट बढ़ाने को लेकर कमर कसी थी लेकिन उत्तर प्रदेश में कुछ खास सफलता नहीं मिलती नजर आई.

संभल लोकसभा सीट को छोड़कर बाकी सभी 9 सीटों पर मतदान प्रतिशत 55 से 60% के बीच रहा.
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Lok Sabha Election: संभल लोकसभा सीट को छोड़कर बाकी सभी 9 सीटों पर मतदान प्रतिशत 55 से 60% के बीच रहा.
Lok Sabha Election: संभल लोकसभा सीट को छोड़कर बाकी सभी 9 सीटों पर मतदान प्रतिशत 55 से 60% के बीच रहा.

हाथरस और आगरा में वोटिंग परसेंट सबसे कम

यूपी की जिन दो लोकसभा सीटों पर तीसरे चरण में मतदान प्रतिशत में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई, वह हाथरस और आगरा की सीटें हैं.

रात 8 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, आगरा (सुरक्षित) सीट पर 53.99% मतदान हुआ. बता दें, तीसरे चरण में यूपी की इसी सीट पर सबसे कम मतदान रिकॉर्ड हुआ है. 2019 में यह आंकड़ा 59.12% था.

वहीं अगर हाथरस सीट की बात करें तो 2019 में 61.76% के मुकाबले इस बार मतदान घटकर 55.36% रहा.

अल्पसंख्यक बाहुल्य संभल सीट पर सबसे ज्यादा मतदान हुआ. हालांकि 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले यहां भी मतदान प्रतिशत में गिरावट देखने को मिली. पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान यहां वोटर टर्नआउट 64.73% था जो इस बार घटकर 62.81% रह गया है.

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विपक्ष ने लगाया मतदान प्रभावित करने का आरोप

तीसरे चरण के मतदान के दौरान सबसे ज्यादा शिकायतें संभल लोकसभा क्षेत्र से आईं. अल्पसंख्यक मतदाताओं का आरोप था कि पुलिस अपना खौफ दिखाकर वोटिंग को प्रभावित करना चाहती है. सोशल मीडिया पर वायरल कई वीडियो में पुलिसकर्मी मतदाताओं पर बल प्रयोग करते हुए देखे जा सकते हैं.

संभल पुलिस ने अपने एक आधिकारिक बयान में बताया कि कोई मारपीट नहीं की गई है. संभल पुलिस ने कहा, "मतदान केंद्र में घुसी भीड़ को नियंत्रित तथा व्यवस्थित करने के लिए बाहर निकाला गया था ताकि व्यवस्थित तरीके से कतार में लगा कर वोटिंग कराई जा सके."

आरोपों की इसी कड़ी में अल्पसंख्यक समुदाय की महिला वोटरों ने आरोप लगाया कि उनको मतदान केंद्र से बिना वोट डाले वापस भेज दिया गया. इन महिलाओं का आरोप था कि मतदान स्थल पर मौजद सुरक्षा कर्मियों ने इनको पहचान पत्र को फर्जी बताकर वापस लौटा दिया.

संभल के अलावा समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी, बदायूं, आंवला, बरेली एटा और आगरा लोकसभा सीटों पर भी सुरक्षाकर्मियों और प्रशासन द्वारा वोटरों, खासकर अल्पसंख्यक मतदाताओं, को परेशान करने और मतदान को प्रभावित करने का आरोप लगाया.

बीजेपी ने संभल लोकसभा सीट पर फर्जी वोटिंग का आरोप लगाते हुए अपने अधिकारी ट्विटर हैंडल से एक वीडियो भी साझा किया है. पार्टी ने आरोप लगाया की संभल लोकसभा की विधानसभा कुंदरकी के एक बूथ पर पीठासीन अधिकारी फर्जी वोटिंग कर रहे हैं. आरोप में यह भी बताया गया की बूथ पर नाबालिक लड़की 40 वर्ष की महिला की वोटर पर्ची लेकर वोटिंग करने पहुंची.

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