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UP Ration Card: रिकवरी, अधिकारी और सरकार के बीच फंसी जनता- सरेंडर करें या नहीं?

UP Ration Card Surrender: यूपी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने कहा कि रिकवरी के लिए सरकार ने कोई निर्देश नहीं दिये हैं.

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भारत
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उत्तर प्रदेश में इन दिनों राशन कार्ड (UP Ration Card) को लेकर हाहाकार मचा है. जनता के बीच अजीब सा गफलत का माहौल है. हर जिले में हजारों की संख्या में लोग राशन कार्ड सरेंडर कर रहे हैं. एक वक्त में जो लाइन राशन कार्ड बनवाने के लिए लगती थी वो अब राशन कार्ड कटवाने के लिए लग रही है. सवाल ये है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि लोग खुद से ही अपना राशन कार्ड सरेंडर करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने लगे.

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दरअसल पिछले कुछ समय से सिर्फ सोशल मीडिया पर ही नहीं बल्कि न्यूज चैनलों और अखबारों में बाकायदा खबरें चली कि जो लोग राशन कार्ड के लिए पात्र नहीं हैं वो या तो खुद अपने राशन कार्ड कटवा दें नहीं तो सरकार जांच करेगी और अपात्र पाये जाने पर जितना राशन आपने लिया है उसकी वसूली की जाएगी.

इसके लिए बाकायदा नियम भी बताए जा रहे थे. जैसे जी न्यूज ने 21 मई 2022 को एक खबर छापी जिसकी हेडलाइन थी- Ration Card Rule: सरकार ने जारी किया राशन कार्ड का नया न‍ियम, तुरंत करें सरेंडर वरना होगी वसूली- इसी खबर में नीचे नियम भी सुझाए गय़े थे जिनके स्क्रीनशॉट हम लगा रहे हैं.

UP Ration Card Surrender: यूपी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने कहा कि रिकवरी के लिए सरकार ने कोई निर्देश नहीं दिये हैं.
UP Ration Card Surrender: यूपी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने कहा कि रिकवरी के लिए सरकार ने कोई निर्देश नहीं दिये हैं.

इन नियमें के मुताबिक जिसका पक्का मकान है या लाइसेंसी हथियार है उसे कार्ड सरेंडर करना होगा. जो भ्रामक है, असली नियम हम आपको बताएंगे. लेकिन उससे पहले जान लीजिए कि कितने लोगों ने राशन कार्ड सरेंडर किया है.

ऐसी खबरों के बाद क्या था कार्ड सरेंडर करने वालों की लाइन लग गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपी में अप्रैल के महीने में 43 हजार लोगों ने राशन कार्ड सरेंडर किये.

UP Ration Card Surrender: यूपी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने कहा कि रिकवरी के लिए सरकार ने कोई निर्देश नहीं दिये हैं.
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राशन कार्ड सरेंडर करने वाले लोग क्या बोले?

इसी तरह से हर जिले में राशन कार्ड सरेंडर करने वालों की लाइन लगी थी. जब उनसे पूछा गया कि आप ऐसा क्यों कर रहे हैं? तो मुरादाबाद जिले में अपना राशन कार्ड सरेंडर करने वाले रविंद्र पाल ने क्विंट को बताया कि, समाचार पत्रों और सोशल मीडिया के माध्यम से हमें जानकारी मिली थी कि जो लोग अपात्र हैं वो अपना कार्ड खुद से सरेंजर कर दें नहीं तो रिकवरी की जाएगी. हम पेंशनधारक हैं इसलिए अपना कार्ड सरेंडर कर दिया.

इसके अलावा मुरादाबाद जिले में ही मोहम्मद कमर ने बताया कि उन्हें

1900 रुपये महीना पेंशन मिलती है. लेकिन राशन कार्ड जमा करने का आदेश दिया गया है इसलिए उन्होंने अपना राशन कार्ड सरेंडर किया है लेकिन 1900 रुपये में घर कैसे चलेगा.
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यहां सवाल ये खड़ा होता है कि आखिर पात्र कौन है तो यूपी सरकार ने 2013 में अंत्योदय कार्ड (APL Card) के नियम खाद्य आपूर्ति विभाग ने जारी किये थे जो अभी तक मान्य हैं. जिनके मुताबिक-

UP Ration Card Surrender: यूपी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने कहा कि रिकवरी के लिए सरकार ने कोई निर्देश नहीं दिये हैं.

अधिकारियों और सरकार के बीच फंसे आम लोगों के लिए ये जानना भी जरूरी है कि आखिर वो कौन लोग हैं जिन्हें राशन कार्ड नहीं बनवाना चाहिए या यूं कहें कि जो राशन कार्ड के लिए अपात्र हैं. तो उनमें ग्रामीण और शहरी इलाकों के लिए अलग-अलग नियम हैं जो नीचे दिये गये हैं.

UP Ration Card Surrender: यूपी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने कहा कि रिकवरी के लिए सरकार ने कोई निर्देश नहीं दिये हैं.
UP Ration Card Surrender: यूपी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने कहा कि रिकवरी के लिए सरकार ने कोई निर्देश नहीं दिये हैं.
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अब यूपी सरकार की ओर से इस पर स्पष्टीकरण आया है कि सरकार ने कोई भी नया आदेश नहीं दिया है. राशन के लिए जो पहले नियम मान्य थे वही अब भी हैं. रिपर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश के खाद्य आयुक्त सौरव बाबू ने कहा है कि मीडिया के कुछ हिस्से में चल रही खबरें भ्रामक हैं. उन्होंने साफ किया कि 2013 के नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है और ना ही रिकवरी का कोई आदेश/निर्देश है.

लेकिन फिर बड़ा सवाल ये है कि जिलों के अधिकारियों ने ऐसे निर्देश क्यों दिये और मीडिया के सामने कैमरे पर क्यों कहा कि सरकारी निर्देश हैं अगर राशन कार्ड सरेंडर नहीं किया तो रिकवरी की जाएगी.

20 मई 2022 को मिर्जापुर के जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी उमेश कुमार ने क्विंट को बताया था कि, उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में निर्देश दिये थे कि जो लोग राशन कार्ड पात्रता की श्रेणी में नहीं आते हैं उन लोगों से अपील कर दी जाए कि वो उस कार्ड को सरेंडर कर दें. अगर बाद में जांच हुई और अपात्र पाये गये तो उनसे नियमानुसार वसूली की कार्रवाई की जाएगी. अब तक उन्होंने जितना भी राशन लिया होगा उसकी रिकवरी की जाएगी. जिसमें गेहूं 24 रुपये किलो और चावल 32 रुपये किलो की दर से वसूला जाएगा.

इसके अलावा 13 मई 2022 को मुरादाबाद के जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने कैमरे पर कहा था कि, लोगों को मौका दिया गया है कि जो अपात्र हैं वो अपना राशन कार्ड खुद सरेंडर कर दें. नहीं तो जांच में अपात्र पाये जाने पर उनसे अभी तक लिये गये अनाज की वसूली की जाएगी.

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सरकारी स्तर पर जो अधिकारियों और सरकार के बीच अंतर समझ में आया वो ये है कि अधिकारियों ने जगह-जगह रिकवरी की बात की जिससे बाद में सरकार ने इनकार कर दिया लेकिन इसके अलावा भी कई भ्रामक खबरें सोशल मीडिया और कई चैनलों पर चल रही थी जैसे- अगर पक्का मकान है तो राशन कार्ड कटवाना होगा, जबकि ऐसा कोई नियम नहीं है. इसके अलावा एक नियम ये बताया जा रहा था कि जिसके पास लाइसेंसी हथियार है उसे भी कार्ड सरेंडर करना होगा जबकि एक लाइसेंसी हथियार वाले को राशन कार्ड मिल सकता है.

इनपुट- शारिक सिद्दीकी, बृजेंद्र दुबे

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