उत्तराखंड हाई कोर्ट (Uttarakhand High Court) ने करीब तीन महीने बाद 16 सितंबर को चारधाम यात्रा (Char Dham yatra) पर लगी रोक को हटाने का निर्णय लिया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि केवल पूरी तरह से वैक्सीनेटेड लोगों को कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट के साथ केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा की अनुमति दी जाएगी.
यह आदेश उत्तराखंड HC के मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की बेंच ने दिया है. यह बेंच राज्य सरकार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राज्य सरकार ने अदालत से चार धाम की यात्रा को अनुमति देने के लिए कहा था.
राज्य सरकार के अलावा स्थानीय व्यवसायियों एवं विक्रेताओं ने भी यात्रा से रोक को हटाने के लिए हाई कोर्ट का रुख किया था. गौरतलब है कि कोविड की दूसरी लहर में रिस्क को देखते हुए चार धाम यात्रा पर पर अदालत ने 28 जून को रोक लगा दी थी.
एक बार में केवल तीन लोगों को मंदिरों के गर्भगृह में जाने की अनुमति - राज्य सरकार
राज्य सरकार ने अदालत को सूचित किया है कि उसने प्रत्येक धर्मस्थल पर लोगों की संख्या को बहुत हद तक सीमित कर दिया है. सरकार ने कहा कि केदारनाथ में हर दिन केवल 800 तीर्थयात्रियों को अनुमति दी जाएगी, जबकि गंगोत्री में 600 लोगों को और यमुनोत्री में 400 लोगों को यात्रा करने की अनुमति होगी.
राज्य सरकार ने कहा कि 12,000 लोगों को बद्रीनाथ में जाने की अनुमति होगी लेकिन उत्तराखंड HC ने इस संख्या को 1,000 तक सीमित कर दिया. सरकार ने कहा कि एक बार में केवल तीन लोगों को मंदिरों के गर्भगृह में जाने की अनुमति होगी.
संबंधित जिलों के अधिकारी HC को भेजेंगे साप्ताहिक रिपोर्ट - बेंच
HC ने राज्य सरकार को प्रत्येक धर्मस्थल पर उचित संख्या में पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की तैनाती का निर्देश दिया है ताकि भीड़भाड़ और कोविड संबंधित प्रोटोकॉल का पालन किया जा सके.
बेंच ने कहा कि जिन जिलों में चार धाम मंदिर स्थित हैं - उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग – के जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण (DLSA) के सचिव प्रत्येक तीर्थस्थल पर भीड़ को संभालने के लिए उचित कार्यवाहियों और स्थिति की डीटेल देते हुए HC को साप्ताहिक रिपोर्ट भेजेंगे.
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