वैष्णो देवी के भक्तों के लिए खुशखबरी है. इस तीर्थस्थल में बहुत जल्द रोपवे सर्विस शुरू होने जा रही है. इसके शुरू होने से वैष्णो देवी दर्शन के लिए जाने वाले तीर्थयात्रियों के समय और ऊर्जा, दोनों की बचत होगी. फिलहाल यहां रोपवे का काम लगभग पूरा हो चुका है.
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले की त्रिकुटा पहाड़ी पर मौजूद मां वैष्णो देवी गुफा मंदिर के लिए रोपवे यानी उड़नखटोले की टेस्टिंग जल्द शुरू होगी. माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रोपवे प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद श्रद्धालुओं को भैरो मंदिर पहुंचने में आसानी होगी. 6,600 फुट पर मौजूद इस मंदिर की खड़ी चढ़ाई की वजह से बुजुर्गों और दिव्यांगों को परेशानी होती है.
प्रोजेक्ट पूरी होने की दहलीज पर
माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अधिकारी ने बताया कि भवन और भैरो मंदिर रोपवे प्रोजेक्ट पूरी होने की दहलीज पर है. इसकी टेस्टिंग जल्द शुरू हो जाएगी. इसकी क्षमता प्रति घंटे 800 लोगों की होगी. उन्होंने बताया कि इसी तरह सिआर डाबरी और भवन के बीच रोपवे का काम लगभग पूरा हो चुका है. अगले कुछ दिनों में इस रोपवे को शुरू कर दिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि आगामी भवन-भैरो मंदिर रोपवे को देखते हुए बने हुए कैबिन्स को अर्द्धकुमारी से भवन में शिफ्ट किया जा रहा है. इसे देखते हुए हिमकोटि मार्ग श्रद्धालुओं के लिए 10 मई से 14 मई तक अस्थायी रूप से बंद रहेगा.
13 मई से खुलेगा वैकल्पिक मार्ग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी माता वैष्णो देवी मंदिर के लिए सात किलोमीटर लंबे वैकल्पिक ताराकोट मार्ग का औपचारिक तौर पर उद्घाटन करेंगे. मंगलवार को एक प्रवक्ता ने बताया, ‘‘माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष और राज्यपाल एनएन वोहरा के अनुरोध पर प्रधानमंत्री ने 19 मई को ताराकोट मार्ग के औपचारिक उद्घाटन करने के लिए सहमति दे दी है.’’
माता वैष्णो देवी मंदिर के लिए बढ़ती तीर्थयात्रा को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने फरवरी 2011 में राज्यपाल वोहरा को तीर्थयात्रियों की भीड़ को कम करने के लिए बाणगंगा और अर्धकुंवारी के बीच वैकल्पिक मार्ग बनाने का प्रस्ताव दिया था. बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उमंग नरूला ने कहा कि नए मार्ग को तीर्थयात्रियों के लिए 13 मई की सुबह से खोल दिया जाएगा.
कई सुविधाओं से लैस
बाणगंगा से अर्धकुंवारी तक 6 किलोमीटर का ट्रैक और कटरा से भवन तक एक टट्टू मुक्त मार्ग मुहैया करता है, जो विशेष रूप से तीर्थ यात्रियों द्वारा उपयोग किया जाता है. वैकल्पिक 7 किमी का ट्रैक 6 मीटर चौड़ा है. इसमें आरामदायक ढाल है और बहुत अच्छी सुविधाएं हैं.
तारकोट मार्ग पैदल तीर्थयात्रियों के लिए एक स्वच्छ और सुंदर मार्ग है. इसमें 2 भोजनालय , 4 व्यू पॉइंट और 7 शौचालय ब्लॉक हैं. तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए इस मार्ग पर 24 घंटे डॉक्टरों, पैरामेडिक्स, दवाइयों और उपकरणों से लैस एक मेडिकल यूनिट की स्थापना भी की गई है.
बता दें कि माता वैष्णो देवी मंदिर भारत में तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर के बाद दूसरा सबसे ज्यादा देखा जाने वाला धार्मिक तीर्थस्थल है. हर साल लाखों तीर्थयात्री मंदिर का दर्शन करते हैं.
(इनपुट: भाषा)
ये भी पढ़ें - NGT के आदेश से इसलिए नहीं पड़ेगा आपके वैष्णो देवी प्लान में खलल
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)