पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में जाना जाने वाला, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर 5 हजार हेक्टेयर के एक विशाल क्षेत्र में बनाया गया है.
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी नागेंद्र पांडेय ने कहा कि मंदिर का उद्घाटन 13 दिसंबर को शुभ मुहूर्त में किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी ने कहा कि यह परियोजना 399 करोड़ रुपये से बनाई गई है. उन्होंने कहा कि यह न केवल काशी की गरिमा को आगे ले जा रहा है बल्कि वाराणसी के धार्मिक पर्यटन में नई संभावनाएं भी पैदा कर रहा है.
परियोजना के अंतर्गत पुराने घरों को तोड़ा गया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मार्च 2019 में काशी विश्वनाथ परियोजना की नींव रखी थी. जब इस परियोजना से संबंधित कार्य शुरू किया गया, उसके बाद से ही परियोजना के लिए जगह बनाने के लिए लगभग 300 से अधिक इमारतों को ध्वस्त किया जा चुका है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक मंदिर परिसर में नई सुविधाएं प्रदान करने और आसपास के लोगों के आने-जाने के लिए मंदिर को घाटों से जोड़ा जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में सैकड़ों छोटे मंदिरों को भी बनवाया गया है.
परियोजना के आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने कहा है कि काशी विश्वनाथ मंदिर की मूल संरचना के साथ छेड़छाड़ किए बिना पर्यटकों के लिए सुविधाओं को बढ़ाया गया है.
आर्किटेक्ट ने बताया कि परियोजना के 5.50 लाख वर्ग फुट क्षेत्र का लगभग 70 प्रतिशत ग्रीन कवर के लिए खुला रखा जाएगा.
डेटा से पता चलता है कि 70 लाख से अधिक भक्त और पर्यटक हर साल काशी विश्वनाथ मंदिर में आते हैं और 10,000 से अधिक भक्त, ज्यादातर वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों से, हर दिन आते हैं.
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