चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पद से हटाने के लिए विपक्ष की ओर से दिए गए महाभियोग प्रस्ताव को राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने खारिज कर दिया है. कांग्रेस सभापति के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी. कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी दलों ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा को पद से हटाने के लिए राज्यसभा सभापति को महाभियोग प्रस्ताव दिया था. लेकिन उन्होंने गुण-दोष के आधार पर इसे खारिज कर दिया. कांग्रेस का कहना है कि उप राष्ट्रपति को ऐसा करने का अधिकार नहीं है.
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा को पद से हटाने संबंधी कांग्रेस और अन्य दलों की ओर से दिए गए नोटिस पर संविधानविदों और कानूनी विशेषज्ञों से विचार - विमर्श किया था. इसके बाद ही उन्होंने विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव को खारिज कर दिया.
CJI को पद से हटाने के मामले में नायडू ने कानूनविदों से ली थी सलाह
राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार वेंकैया नायडू ने याचिका को स्वीकारने या ठुकराने को लेकर संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप, पूर्व विधि सचिव पीके मल्होत्रा समेत अन्य विशेषज्ञों से कानूनी राय ली थी.
राज्यसभा सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप , पूर्व विधि सचिव मल्होत्रा और विधायी मामलों के पूर्व सचिव संजय सिंह से नायडू ने इस मुद्दे पर विचार - विमर्श किया था.
कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने दिया था नोटिस
बता दें कि बीते शुक्रवार को कांग्रेस सहित सात विपक्षी दलों ने राज्यसभा के सभापति नायडू को सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ कदाचार का आरोप लगाते हुए उन्हें पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए नोटिस दिया था.
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